Book Title: Bhuvan Dipak
Author(s): Padmaprabhusuri, Shukdev Chaturvedi
Publisher: Ranjan Publications

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Page 169
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir । L ९ एच सन्तति ( १६६ ) द्वितीय स्त्री सम्बन्धी प्रश्न का विचार करने के लिए चन्द्र स्थित कर्क राशि को लग्न मान कर कुण्डली सं० २ बनी। इससे द्वितीय प्रश्न का विचार करना चाहिए । तथा तृतीय सन्तति सम्बन्धी प्रश्न का विचार करने के लिए सूर्य स्थित राशि मेष ना को लग्न मानकर कुण्डली सं० ३ के आधार पर विचार कर फलादेश करना चाहिए। इसी प्रकार यदि अधिक प्रश्न हों तो उनका विचार उक्त रीति से कर लेना चाहिए। उपसंहार ग्रहभाव प्रकाशाख्यं शास्त्रमेतत्प्रकाशितम् । लोकानामुपकाराय श्री पद्मप्रभु सूरिभिः ।।१७०॥ अर्थात् यह ग्रह भाव प्रकाश नामक शास्त्र (ग्रन्थ) लोक के उपकार के लिए श्री पद्मप्रभु सूरि ने प्रकाशित किया। भाष्य : अपने सुप्रसिद्ध ग्रन्थ भुवन दीपक का उपसंहार करते हुए आचार्य श्री पद्मप्रभु सूरि कहते हैं कि यह ग्रह एवं द्वादशभावों के फल को प्रकाशित करने वाला ग्रह भाव प्रकाश (भुवन दीपक) नामक ग्रन्थ में लोक कल्याण के लिए प्रकाशित किया । वस्तुतः यह ग्रन्थ विभिन्न प्रकार की दैनिक जीवन में आने वाली समस्याओं का प्रश्न कुण्डली के आधार पर समाधान करने में सर्वसाधारण का महान उपकार करता है। For Private and Personal Use Only

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