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( १०२ ) ग्रह की राशि में हो और उसे बुध, गुरु एवं सूर्य
देखते हों। (२) लग्नेश और व्ययेश एक दूसरे के स्थान में हों। (३) लग्नेश और सप्तमेश एक दूसरे के स्थान में हों। (४) चन्द्रमा और शुक्र स्वराशि या उच्च राशि में
स्थित हों। विधवा एवं वन्ध्यायोग
प्रश्न काल में यदि चन्द्रमा लग्न, षष्ठ या अष्टम स्थान में हो और सप्तम स्थान में पाप ग्रह हो तो स्त्री विवाह के बाद शीघ्र ही विधवा हो जाती है यदि पापग्रह ५वें स्थान में स्थित और पापग्रह से दृष्ट हो तथा चन्द्रमा नीच राशि में स्थित हो तो स्त्री वन्ध्या होती है। स्त्री मृत्यु विचार
यदि किसी व्यक्ति के प्रश्न के समय कुण्डली में निम्नलिखित योग हों तो उसकी स्त्री मर जाती है
(१) यदि सप्तमेश या शुक्र त्रिक स्थान में हों। (२) यदि लग्न में राहु और सप्तम या अष्टम स्थान में
शुक्र और मंगल हों। सप्तमेश शत्रु या नीच राशि में हो और पाप या मूढ़ ग्रह से देखा जाता हो तथा सप्तम स्थान पर पाप प्रभाव हो। सप्तमेश १, ६, ६ या १२वें स्थान में पापयुत या नीच राशिगत हो।
(४)
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