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( १०१ )
युक्त हों तो रखेली और विवाहिता दोनों प्रकार की पत्नी होती हैं तथा यदि ये दोनों स्थान पाप प्रभाव में हों तो किसी प्रकार की भी पत्नी नहीं होती ।
स्त्री विचार के इस प्रसंग में पाठकों की जानकारी के लिए स्त्री विषयक कतिपय महत्वपूर्ण प्रश्नों की संक्षिप्त चर्चा करना आवश्यक है ।
क्या यह कुमारी उपभुक्ता है ?
यह कुमारी उपभुक्ता है या नहीं ? इस प्रश्न का विचार करते समय यदि प्रश्न लग्न में स्थिर राशि हो तथा लग्नेश और चन्द्रमा भी स्थिर राशि में हो तो उसका चरित्र अच्छा कहना चाहिए । यदि प्रश्न लग्न, लग्नेश और चन्द्रमा तीनों चर राशि में हों तो अविवाहिता होते हुए भी परपुरुष का सहवास करने वाली जाननी चाहिए। यदि चन्द्रमा द्विस्वभाव राशि में और लग्न चर राशि में हो तो परपुरुष के संसर्ग का अल्प दोष मानना चाहिए । यदि प्रश्न काल में चन्द्रमा और मंगल स्थिर राशि से भिन्न राशि में हों तो यह परपुरुष सम्बन्ध गुप्त रूप से होता है । किन्तु यदि चन्द्रमा और मंगल लग्न में हों तो यह बात समाज में प्रसिद्ध हो जाती है ।
क्या प्रेमिका से विवाह होगा ?
इस प्रश्न का विचार आचार्य रामदयालु ने अपने प्रसिद्ध ग्रन्थ 'संकेत निधि' में किया है। उन्होंने प्रेमिका या इच्छित लड़की से विवाह होने के ४ योगों का प्रतिपादन किया है । (१) यदि चन्द्रमा ३, ६, ७, १० या ११ वें स्थान में शुभ
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