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राशियाँ
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पर कहनी चाहिए । इस प्रसंग में यह ध्यान रखना चाहिए कि प्रश्न लग्न के स्वामी का उक्त ग्रहों से सम्बन्ध होने पर ही यह फल यथार्थ रूप में मिलता है । यदि ऐसा न हो तो प्रश्न लग्न में स्थित राशि के अनुसार स्थान का निर्णय करना चाहिए । आचार्य नीलकण्ठ एवं भट्टोत्पल आदि का भी यही मत है ।
प्रश्न लग्न में मेषादि राशियों के अनुसार नष्ट वस्तु, व्यक्ति किस स्थान में है यह ज्ञान नीचे लिखे चक्र से कर लेना चाहिए।
नष्ट वस्तु स्थान ज्ञानार्थ चक्रम्
मेष
वृषभ
मिथुन
कर्क
सिंह
कन्या
तुला वृश्चिक
धनु
मकर
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कुम्भ
मीन
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नष्ट वस्तु / व्यक्ति का स्थान
खेत वन पर्वत खाई, गड्ढ़ा आदि
गोचर भूमि, गोशाला, डेरी फार्म एवं ग्वालाओं की बस्ती नृत्य गीतशाला, सिनेमा, थियेटर, शिक्षासंस्था, क्रीड़ास्थान तालाब, कुंआ, बावड़ी, नहर, नदी आदि के निकट जंगल, व्यायामशाला, अगम्य एवं दुर्गम स्थान
नौका, मछुओं की बस्ती, बिहार स्थान, एवं कन्या विद्यालय दुकान, व्यापारिक संस्थान, अदालत एवं मालखाना खण्डहर, गड्ढा, सुरंग, तहखाना एवं गुप्त स्थान छावनी, किला, पुलिस स्टेशन एवं युद्ध भूमि तीर्थ स्थान, सरोवर, समुद्र का किनारा एवं द्वीप शराब खाना, जुए का अड्डा, वेश्यालय एवं भाण्डागार समुद्र का किनारा, मन्दिर, जलाशय एवं टापू
मार्त्तण्डान्वदन्ति
जीवमङ्गल पुरुषान्बुधाः । सोमसोमजमन्दाहिभृगु पुत्रांश्च योषितः ॥४०॥
अर्थात् विद्वान् गुरु, मंगल एवं सूर्य को पुरुषग्रह तथा चन्द्रमा, बुध, शनि, राहु एवं शुक्र को स्त्री ग्रह कहते हैं ।
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