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दशाश्रुतस्कन्धसूत्रम्
सप्तमी दशा
हैं । किन्तु यहा पर केवल इतना ही कहा गया है कि एक मासिकी- प्रतिमा-प्रतिपन्न अनगार को एक दत्ति पानी की लेनी चाहिए ।
किन्तु भिक्षु को अज्ञात कुल से और स्तोक मात्रा में ही लेनी चाहिए । जिस प्रकार वनीपक (भिखारी) लोग थोड़े-२ कर धान्य एकत्रित करते हैं इसी प्रकार उसको भी प्रत्येक घर से थोड़ा-२ ही एकत्रित करना चाहिए । इस प्रकार द्रव्य से अभिग्रह पालन करता हुआ मुनि तदनन्तर क्षेत्र से उनका पालन करे । जैसे-जिस समय मुनि भिक्षा लेने जाय उस समय यदि गृहस्थ के दोनों पैर देहली के भीतर हों तो उससे भिक्षा नहीं लेनी चाहिए । यदि दोनों पैर बाहर हों तब भी लेनी उचित नहीं । किन्तु यदि एक पैर देहली के भीतर और दूसरा बाहर हो तो वह भिक्षा ग्रहण कर सकता है । यदि इस प्रकार भिक्षा की उपलब्धि न हो तो नहीं ले सकता ।
इसी प्रकार क्षेत्र से अभिग्रह पालन करता हुआ काल से उसका पालन करे | इसका वर्णन अगले सूत्र में विस्तार से किया जायगा | तात्पर्य यह है कि प्रतिमा-धारी मुनि गम्भीरता से नियम पालन करे ।
भाव से अभिग्रह धारण करता हुआ मुनि उस समय भिक्षा के लिए जाय जब बहुत से मनुष्य, पशु, पक्षी, श्रमण (निर्ग्रन्थ, शाक्य, तापस, गैरिका, जीविका अति पञ्चधा), ब्राह्मण, अतिथि, कृपण (दरिद्री), वनीपक (याचक) इत्यादि भिक्षा लेकर चले गए हों । इस प्रकार उनके अन्तराय कर्म का दोष देर होता है और भिक्षा के लिए उसी घर में जाय जहां केवल एक व्यक्ति का ही भोजन हो । किन्तु जहां दो, तीन, चार, पांच या इससे अधिक व्यक्तियों के लिए भोजन बना हो वहां से भिक्षा ग्रहण न करे । इसी प्रकार जो भोजन गर्भवती के लिए बना हो उससे भी न ले नाही गर्भवती के हाथ से भोजन ले । क्योंकि हिलने डुलने से गर्भस्थ बाल को पीड़ा पहुंचती है । इसमें विचारणीय इतना है कि यदि जिन-कल्पी मुनि को अपनी आशु प्रज्ञा से ज्ञात हो जाय कि अमुक स्त्री गर्भवती है तो उसी समय से उसके हाथ से भिक्षा ग्रहण न करे । किन्तु स्थविर-कल्पी मुनि गर्भ के आठवें महीने से पूर्व-२ उससे भिक्षा ग्रहण कर सकता है । हाँ, आठवें मास प्रारम्भ होने पर उससे भिक्षा ग्रहण करना छोड़ दे । यह नियम केवल अहिंसा धर्म के पालन करने के लिए ही प्रतिपादन किया गया है । सिद्ध यह हुआ कि गर्भवती के हाथ से भिक्षा नहीं लेनी चाहिए । यदि कोई बच्चे वाली स्त्री बच्चे को अलग रखकर भिक्षा दे तो उससे भी न ले । क्योंकि माता से पृथक होने पर बच्चे को कष्ट हो सकता है और उस पर
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