Book Title: Agam 27 Chhed 04 Dashashrut Skandh Sutra Sthanakvasi
Author(s): Atmaram Maharaj
Publisher: Padma Prakashan
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सेहे रायणियं तुमति वत्ता
भवइ
सेहे रायणियस्स पुरओ गंता
सेहे रायणियस्स पुरओ चिट्ठित्ता
सेहे रायणियस्स आसन्नं
सेहे रायणियस्स सपक्खं
सेहे रायणियस्स सपक्खं
चिट्ठित्ता
सेहे रायणियस्स पुरओ निसीइत्ता
सेहे रायणियस्स आसन्नं
चिट्ठित्ता
सेहे रायणियस्स सपक्खं निसीइत्ता
'सेहे रायणियस्स आसन्नं
निसीइत्ता
सेहे रायणिएणं सद्धिं बहिया
वियार भूमि
सेहे रायणिणं सेहे पुव्वतरागं सेहे रायणियस्स राओ वा वियाले
सेहे असणं उवदंसेइ
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सेहत रागस्स
दशाश्रुतस्कन्धसूत्रम्
पृष्ठ ६१-६०
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वा विहार भूमि
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सेहे असणं वा पाणं वा खाइमं सेहतरागस्स आलोएइ सेहे असणं वा .... पडिगाहित्ता
सेहे रायणिएण सद्धि असणं सेहत गं
सेहे असणं उवणिमंतेइ
सेहे रायणियस्स से
सेहे रायणियस्स कहं
सेहे राय णियस्स किंति वत्ता सेहे रायणियस्स वाहरमाणस्स तत्थ गए चेव सेहे रायणियस्स वाहरमाणस्स सेहे रायणियस्स कहं कहेमाणस्स नो सुमरसीति
णो
कमाणस्स
सेहे रायणियं तज्जाएणं तज्जाणं
सेहे रायणियं ख़द्धं खद्धं हण, छिंद, भिंद विकत्तए हत्थुत्तराहिं गभाओ
हत्थुत्तराहिं अणं हत्थुत्तराहिं मुंडे हत्थुत्तराहिं जाए हत्थ कम्पं करेमाणे सबले
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