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करेमाणे = करता हुआ कलम--मसूर - तिल - मुग्ग- मास-निप्फावकुलत्थ-आलिसिंदग - जवजवा = चावल, मसूर, तिल, मूंग, माष (उड़द), निष्पाव (धान्य - विशेष), कुलत्थ, आलिसिन्दक (चोला नामक धान्य) और यवयव कलह-करे-झगड़ा करने वाला कलहाओ - कलह से
'कलुसाविल - चेयसे = पाप से मलिन चित्त
वाला
शब्दार्थ-कोष
कल्लाण- पावए = कल्याण (कर्म) और पाप (कर्म)
कल्लाण- फल- विवागे सुख - रूप फल या परिणाम
कवालेण= घड़े आदि के ठीकरे से कसिणे=सम्पूर्ण
कसाय-दंतकट्ठ—ण्हाण - मद्दण - विलेवणसद्दफरिस - रस- रूव-गंध-मल्लाऽ
लंकाराओ = भगवा वस्त्र, दातुन, स्नान, मर्दन, विलेपन, शब्द, स्पर्श, रस, रूप, गन्ध, माला और अलङ्कारों से कसे = चाबुक से
कहं = कथा
कहाहिगरणाई = हिंसाकारी कथा । सा. कथा
वर्णन करने वाला शास्त्र
कहिओ = कथन किया है
कहित्ता = कहने वाला कहेमाणस्स = कहते हुए
काउय - अगणि-वण्णाभा= कपोत वर्ण वाली अग्नि के समान प्रभायुक्त (भूमि)
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कारण = काय (शरीर) से
काकणी - मंस - खावियं मांस के कौड़ी के समान टुकड़े बनाकर खिलाओ कायं = शरीर
काय - किरियत्ता = अणुलोम- काय - किरियत्ता देखो
काय - संफासणया = पडिव - काय - संफासणया
देखो कालं=क्रियानुष्ठानादि कालं=समय
कालमासे = मृत्यु के अवसर पर कालेणं=काल, समय
कालेन = उचित समय पर
किं = क्या ?
किच्चं=वैयावृत्यादि सेवा कर्म । सा. कार्य किच्चा = करके
किच्चाकिच्चं=कृत्य और अकृत्य को कित्तिं = यश
किरिया - वाइ-क्रियावादी
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किवण = कृपण, दरिद्री
किट्टइता = कीर्तन कर
कीयं = मूल्य से लिया हुआ, खरीदा हुआ कुद्धस्स = क्रुद्ध व्यक्ति के कुमारेणं = कुमृत्यु से बुरी मौत से कूडतुला-कूडमाणाओ= कूट तोल और कूट मापसे
कूरे = क्रूर कर्म करने वाला
केई = कोई केवलं = केवल, सिर्फ
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