________________
३८
दशाश्रुतस्कन्धसूत्रम्
हत्थ-छिन्नयं हाथ छेदन करना हत्थुत्तराहिं उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में हम्मइ=गिर पड़ता है हम्मंति=मारे जाते हैं, नष्ट होते हैं हय-गय-रह-जोह-कलियं घोड़े, हाथी,
रथ और योधाओं से सजी हुई
हरिय-भोयण हरी-हरी दूब आदि का __ भोजन हितं-हित-कारक हियए हृदय में हियाए हित के लिए होत्था था
RA
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org