Book Title: Agam 27 Chhed 04 Dashashrut Skandh Sutra Sthanakvasi
Author(s): Atmaram Maharaj
Publisher: Padma Prakashan

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Page 562
________________ २६ दशाश्रुतस्कन्धसूत्रम् पेइयं पैतृक सम्पत्ति पेच्चा परलोक में पेज्ज-बन्धणे-प्रेम-बन्धन पेज्जाओ=प्रेम से पेला(डा) चतुष्कोण पेटी के आकार से भिक्षा करना, गोचरी का एक भेद पेसारंभे अन्य से आरम्भ अर्थात् कृषि आदि कर्म कराना पेसे-प्रेष्य, इधर-उधर कार्य के लिए भेजा जाने वाला नौकर पेहमाणे देखता हुआ पोराणं पुरानी बात पोराणाणं पुरातन, पुराने पोराणियं पुरानी पोसहोववासाइं-पच्चक्खाण-पोसहोव-वासाइं देखो प्पवाइ-रवेणं उत्पादित ध्वनि से फरिस-कसाय-दंतकट्ठ–ण्हाण देखो फल-विवागे फल-विपाक, परिणाम फल-वित्तिविसेसे विशेष फल फाले विदारण करता है फासित्ता स्पर्श कर फासु-यएसणिज्ज=अचित्त और निर्दोष फासमाणे स्पर्श करता हुआ बंभयारी ब्रह्मचारी बंभचेर तव-नियम देखो बलि कम्मे–कय-बलि-कम्मे देखो बहिया बाहर बहुं अत्यन्त बहु-प्रायः, अधिक बहूई-बहुत से बहुजन बहुत मुनियों के बहु-सुय=बहु-श्रुत, बहुत से शास्त्रों का स्वाध्याय या अध्ययन करने वाला बारस-बारह बाल-वच्छाए छोटे बच्चे वाली के लिए बाल-वीयणीय छोटे-छोटे पंखे बीय-भोयणं बीजों का भोजन बीयाणं बीजों के बीस बीस बुज्झंति=बुद्ध होते हैं बेमि=मैं कहता हूं बोंदि-शरीर को बोलित्ता डुबाने वाला भंड-आयाण-भंड-मत्त-देखो भंते हे भगवन् ! भंभसारेणं भंभसार या बिम्बसार राजा के द्वारा भंसेइ-भ्रष्ट करता है भंसेज्जा भ्रष्ट हो जाय भगिणि=बहिन भगवओ=भगवान् के लिए भगवं भगवान् भगवंतेहिं भगवन्तों ने भगवया भगवान् ने भज्जा भार्या भत्तं-उदिट्ठ-भत्तं देखो भत्त-पाण=भोजन और जल Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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