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अच्छिदित्ता-विच्छेद करने वाला
अजाणं=न जानता हुआ अज्जो = हे आर्यो
अज्झयण=अध्ययन
दशाश्रुतस्कन्धसूत्रम्
अज्झवितव्व, व्वा = आदेश देना चाहिए अज्झोववण्णा= (विषय में) परम आसक्त अद्वं = समाचार, प्रस्तुत विषय अट्ठमेणं=अष्टम, आठवें अट्ठ- विहा=आठ प्रकार की
अट्ठीण = अस्थियों से, हड्डियों से अट्ठे = सार्थक और सत्य है, सा. अर्थ, भाव
अड्ढाइज्जेसु=अढ़ाई
अणंत - णाणीणं- अनन्त ज्ञान वाले अणंतर-हिआए= सचित्त, जिसके ऊपर आसन आदि न बिछा हो
अणंत=अनन्त
अणगारस्स=अनगार अर्थात् गृह आदि से
रहित साधु का अणगारियं = साधु - वृत्ति
अणणुतावित्ता - बिना पश्चात्ताप किये अणणुपालेमाणस्स=उचित रीति से पालन न
करनेवाले का
अणुवित्ता = बिना क्षमापन के अर्थात् प्रार्थना से दोष को क्षमा कराए बिना अणसणाइं= अनशन - व्रत को अणाणुगामियत्ताए=आगामी काल के सुख लिए नहीं । सा. भव- परम्परा में साथ न रहने वाला
के
अणापुच्छित्ता = बिना पूछे
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अणायगस्स = किसी दूसरे नायक से रहित स्वतन्त्र राजा की
अणालोइए बिना आलोचना किये अणिदाणस्स=अनिदान अर्थात् फल की आशा - रहित कर्म का
अणियत - वित्ती= अप्रतिबद्ध होकर विहार करने वाला
अणिसरे = अनीश्वर व्यक्ति को अणिसेस्साए=अकल्याण के लिए
| अणिसिद्वं = साधारण पदार्थ बिना आज्ञा के लिया हुआ
अणिसित्तोवसिए= राग-द्वेष-रहित होकर अणिसियं = निश्राय अर्थात् ममत्व या प्रतिबन्ध से रहित
अणिसिय- वयणे = प्रतिबंध-रहित वचन
बोलने वाला अणुजाणह=आज्ञा दो अणुजाणेज्जा = आज्ञा देकर अणुट्टिया = उठने के पहले
अणुण्णवणी = स्थानादि के लिए आज्ञा लेने
की भाषा अणुत्तरे = सर्व प्रधान
अणुपस्सति = देखता है
अणुपालित्ता = पालन करने वाला
अणुप्पणाणं=अनुत्पन्न
अणुप्पविट्ठस्स = प्रवेश करने पर अणुप्पविसइ = प्रवेश करता है अणुबूहित्ता = कथन करने वाला अणुलोम- काय-किरियत्ता-अनुकूल काय - क्रिया करने वाला
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