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फ्रज र बारहवाँ अध्ययन : उदक ज्ञात
(७१) 15 12. King Jitshatru repeated his views again and again, "The water of this डा 5 ditch is foul. . . . . (as para 9)." र When King Jitshatru repeated his views again and again Subuddhi said, टा 15 "Sire! I am hardly disturbed by this foul water of the ditch. Know sire! that
molecules with good qualities transform into molecules with bad qualities,
and vice versa. Continued transformation, on their own or due to human 2 interference is the basic nature of all molecules. (details as in para 7)." ___ सूत्र १३ : तए णं जियसत्तू राया सुबुद्धिं अमच्चं एवं वयासी-मा णं तुमं देवाणुप्पिया ! डा
अप्पाणं च परं च तदुभयं च बहुहिं य असब्भावुब्भावणाहिं मिच्छत्ताभिणिवेसेण य वुग्गाहेमाणे हा 15 वुप्पाएमाणे विहराहि।
___ सूत्र १३ : राजा जितशत्रु ने अमात्य सुबुद्धि से कहा-“देवानुप्रिय ! तुम असत् को सत् रूप में 15 प्रकट करने का मिथ्या अभिनिवेश (दुराग्रह) करके स्वयं तथा दूसरों को भ्रम में मत डालो। दी 15 अनभिज्ञ लोगों को ऐसी सीख मत दो।
___13. King Jitshatru admonished Subuddhi, “Beloved of gods! you should दा 15 refrain from trying to confuse yourself and others by perpetuating your > dogma of presenting a nonexistent concept as existent. You should not spread şi
such illusion among ignorant masses." 15 जल का शोधन
__ सूत्र १४ : तए णं सुबुद्धिस्स इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-'अहो णं जितसत्तू दा र संते तच्चे तहिए अवितहे सब्भूते जिणपण्णत्ते भावे णो उवलभइ, तं सेयं खलु मम जियसत्तुस्स 5 रण्णो संताणं तच्चाणं तहियाणं अवितहाणं सब्भूताणं जिणपण्णत्ताणं भावाणं अभिगमणट्ठयाए र एयमढें उवाइणावेत्तए।'
__ सूत्र १४ : राजा की बात सुनकर सुबुद्धि को विचार आया-“अहो ! राजा जितशत्रु जिनेन्द्र डा र द्वारा प्ररूपित सत् (विद्यमान) तत्त्व, तथ्य (वास्तविक), सत्य और प्रकट भावों से अनभिज्ञ है तथा ड र अंगीकार नहीं करता। अच्छा होगा कि मैं उसे जिन प्ररूपित ऐसा तत्त्वज्ञान बताऊँ, सत्य का ज्ञान दे 15 कराऊँ और उसे अंगीकार कराऊँ।"
WATER PURIFICATION ___14. This rebuke from the king forced Subuddhi to reflect, “King Jitshatru is ignorant about the knowledge of existent fundamental reality, truth, and a concepts as propagated by Jinendra and thus does not accept the same. I should somehow try to explain and make him accept the same."
15 CHAPTER-12 : THE WATER
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