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DDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDD र सोलहवाँ अध्ययन : अमरकंका
( २५५ ) हा ___189. Arihant Munisuvrat asked Vasudev Kapil, “Kapil Vasudev! While > listening to my sermon you are wondering if another Vasudev has been born
in the Bharat area of the Dhatkikhand the sound of whose conch is so loud B and resonating? Kapil! Am I right?" 15 “Yes my lord! you are right."
र सूत्र १९० : 'नो खलु कविला वासुदेवा, ! एवं भूयं वा, भवइ वा, भविस्सइ वा जण्णं एगे टा 15 खेत्ते, एगे जुगे, एगे समए दुवे अरहंता वा चक्कवट्टी वा बलदेवा वा वासुदेवा वा उप्पज्जिंसु वा, डा
र उप्पज्जति वा, उप्पज्जिस्संति वा। एवं खलु वासुदेवा ! जम्बूद्दीवाओ दीवाओ भारहाओ वासाओ टै 15 हत्थिणाउरनयराओ पंडुस्स रण्णो सुण्हा पंचण्हं पंडवाणं भारिया दोवई देवी तव पउमणाभस्स डा
र रण्णो पुव्वसंगतिएणं देवेणं अमरकंकाणयरिं साहरिया। तए णं से कण्हे वासुदेवे पंचहिं पंडवेहिं ट 5 सद्धिं अप्पछट्टे छहिं रहेहिं अमरकंकं रायहाणिं दोवईए देवीए कूवं हव्वमागए। तए णं तस्स डा र कण्हस्स वासुदेवस्स पउमनाभेणं रण्णा सद्धिं संगामं संगामेमाणस्स अयं संखसद्दे तव5 मुहवायपूरिते इव इट्टे कंते इहेव वियंभइ।' र सूत्र १९० : अरिहंत मुनिसुव्रत ने कहा-“कपिल वासुदेव ! ऐसा कभी हुआ नहीं, होता नहीं । 5 और होगा नहीं कि एक ही युग में, एक ही समय में दो तीर्थंकर, दो चक्रवर्ती, दो बलदेव अथवा द 5 दो वासुदेव उत्पन्न हों। हे वासुदेव ! जम्बूद्वीप के भरतक्षेत्र के हस्तिनापुर नगर के राजा पाण्डु की र पुत्र-वधु द्रौपदी देवी को तुम्हारे पद्मनाभ राजा का पूर्वजन्म का साथी देव हरण करके ले आया था। 5 इस पर कृष्ण वासुदेव पाँचों पाण्डवों सहित उसे छुड़ाने के लिए आये हैं। वे राजा पद्मनाभ के साथ दी 15 संग्राम कर रहे हैं। संग्राम करते हुए कृष्ण वासुदेव का शंखनाद जो इष्ट और कान्त है तुम्हें यहाँ 5
सुनाई दिया है और तुम्हें ऐसा प्रतीत हो रहा जैसे वह तुम्हारे द्वारा फूंका शंखनाद हो।" 15 190. Arihant Munisuvrat said, “Kapil Vasudev! It has never happened, ड » does not happen, and will never happen that in the same era at the same 2 time two Tirthankars, two Chakravartis, two Baldevs, or two Vasudevs are B born. Vasudev! Draupadi, the daughter-in-law of King Pandu of Hastinapur 5 in Bharat area of the Jambu continent was abducted by a god friendly to 5 your King Padmanaabh. Krishna Vasudev and the five Pandavs have come to her rescue. They are at war against King Padmanaabh. During the war Krishna has blown the conch shell emitting the melodious likeable sound
which you have heard and it makes you feel as if you have blown the conch 5 yourself.” र सूत्र १९१ : तए णं से कविले वासुदेवे मुणिसुव्वयं वंदइ, नमसइ,वंदित्ता नमंसित्ता एवं डी
वयासी-'गच्छामि णं अहं भंते ! कण्हं वासुदेवं उत्तमपुरिसं पासामि।' 15 CHAPTER-16 : AMARKANKA
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