Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana, Surendra Bothra, Purushottamsingh Sardar
Publisher: Padma Prakashan

Previous | Next

Page 372
________________ अट्ठारसमं अज्झयणं : सुंसुमा अठारहवाँ अध्ययन : सुसुमा EIGHTEENTH CHAPTER : SUMSUMA हे सूत्र १ : जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं सत्तरसमस्स णायज्झयणस्स अयमढे र पण्णत्ते, अट्ठारसमस्स के अढे पण्णत्ते? 5 सूत्र १ : जम्बू स्वामी ने प्रश्न किया-"भन्ते ! जब श्रमण भगवान महावीर ने सत्रहवें ज्ञाता र अध्ययन का पूर्वोक्त अर्थ कहा है तो अठारहवें अध्ययन का क्या अर्थ कहा है ? 5 1. Jambu Swami inquired, “Bhante! What is the meaning of the cl) > eighteenth chapter according to Shraman Bhagavan Mahavir?" र सूत्र २ : एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णामं नयरे होत्था, वण्णओ। टा 15 तत्थ णं धण्णे णामं सत्थवाहे परिवसइ, तस्स णं भद्दा भारिया। र तस्स णं धण्णस्स सत्थवाहस्स पुत्ता भद्दाए अत्तया पंच सत्थवाहदारणा होत्था, तं जहा-धणे, टे 5 धणपाले, धणदेवे, धणगोवे, धणरक्खिए। तस्स णं धण्णस्स सत्थवाहस्स धूया भद्दाए अत्तया दा र पंचण्हं पुत्ताणं अणुमग्गजाइया सुंसुमा णामं दारिया होत्था सूमालपाणि-पाया। र तस्स णं धण्णस्स सत्थवाहस्स चिलाए नाम दासचेडए होत्था। अहीणपंचिंदियसरीरे द 15 मंसोवचिए बालकीलावण-कुसले यावि होत्था। र सूत्र २ : सुधर्मा स्वामी ने उत्तर दिया-हे जम्बू ! काल के उस भाग में राजगृह नामक नगर 15 था। वहाँ धन्य नामक धन सम्पन्न श्रीमंत सार्थवाह अपनी भद्रा नामकी पत्नी के साथ निवास करता डी र था। सार्थवाह धन्य के पाँच पुत्र थे। जिनके क्रमशः नाम थे-धन, धनपाल, धनदेव, धनगोप तथा डा र धनरक्षित। धन्य सार्थवाह और भद्रा के एक पुत्री थी जो अपने पाँचों भाइयों से छोटी थी और दी 15 जिसका नाम सुंसुमा था। उसके अंगोपांग सुकोमल सुन्दर थे। र धन्य सार्थवाह के यहाँ चिलात नाम का एक दासपुत्र (नौकर) था। चिलात पंचेन्द्रिय परिपूर्ण 5 तथा हृष्ट-पुष्ट शरीर वाला था और बच्चों की सारसँभाल रखने व उन्हें खिलाने में कुशल था। डा 2 2. Sudharma Swami narrated - Jambu! During that period of time there , B was a city named Rajagriha. A wealthy merchant named Dhanna lived in a 5 that city with his wife, Bhadra. 15 Dhanya and Bhadra had five sons. Their names were Dhan, Dhanpal, SI 12 Dhandev, Dhangope, and Dhanrakshit. The couple had a daughter named J R CHAPTER-18 : SUMSUMA (303) Annnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnn Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467