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ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र (भाग २)
चित्र परिचय
THE ILLUSTRATIONS EXPLAINED
चिलात द्वारा सुंसुमा का अपहरण
चित्र : २४
१. धन्य सेठ की पुत्री सुंसुमा की देखभाल के लिए दासपुत्र चिलात को नियुक्त किया गया। किन्तु वह बहुत ही चंचल व दुष्ट स्वभाव का था। पड़ौसी आये दिन उसकी शिकायत लेकर आते, जिससे परेशान होकर सेठ धन्य व उसके पुत्रों ने उसे बहुत मारा-पीटा और धिक्कार कर घर से निकाल दिया।
२. दुष्ट चिलात सिंह- गुफा चोरबस्ती के विजय तस्कर की टोली में जा मिला और उसकी मृत्यु के पश्चात् वही चोर पल्ली का नायक बन गया। बदला लेने के लिए एक रात्रि में उसने सेठ के भवन पर डाका डाला। अपने साथियों से कहा - " इसका धन - माल लूटकर तुम ले लो, केवल सुंसुमा कन्या मुझे चाहिए ।" सेठ व उसके पुत्र भवन में एक ओर छुप गये। चोरों ने भालों व लौह- दण्डों से मजबूत दरवाजे तोड़कर धन-सम्पत्ति लूट ली व चिलात चोर सुंसुमा का अपहरण करके ले गया। (अठारहवाँ अध्ययन)
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CHILAT ABDUCTS SUMSUMA
ILLUSTRATION : 24
1. Dhanya merchant appointed a servant named Chilat to look after his daughter Sumsuma. Chilat was cruel and mischievous by nature and used to torture the children of the neighbourhood. The neighbours regularly complained of this to Dhanya. One day Dhanya got extremely annoyed and he beat up Chilat and fired him.
2. Chilat took refuge with thief chieftain Vijaya. When Vijaya died Chilat became the chieftain. Vengeful Chilat one day looted the house of Dhanya merchant. He asked the other thieves to take all the wealth as he only wanted Sumsuma for himself. The merchant and his sons hid themselves in a remote corner of the house. The thieves used their spears and rods to break open gates and looted all the wealth. Chilat abducted Sumsuma and left.
(CHAPTER-18)
JNĀTĀ DHARMA KATHĀNGA SUTRA (PART-2)
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