Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana, Surendra Bothra, Purushottamsingh Sardar
Publisher: Padma Prakashan

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Page 436
________________ - - - र द्वितीय श्रुतस्कंध : धर्मकथा 5 Bhagavan, “Gautam! It is two and a half Palyopam.” 2 “Bhante! Where will goddess Kali reincarnate on descending from hers divine abode?" "Gautam! She will reincarnate in the Mahavideh area and achieved 5 liberation ending her sorrows.” र सूत्र ३४ : एवं खलु जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं पढमवग्गस्स पढमज्झयणस्स अयमढे टा र पण्णत्ते त्ति बेमि ॥१४८॥ र सूत्र ३४ : हे जम्बू ! श्रमण भगवान महावीर ने प्रथम वर्ग के प्रथम अध्ययन का यह अर्थ कहा दी 15 है। जैसा मैंने सुना है वैसा ही तुमसे कहा है। र 34. Jambu! This is the meaning of the first chapter of the first section as ] 5 told by Shraman Bhagavan Mahavir. So I have heard and so I confirm. || पढमं अज्झयणं समत्तं ॥ ॥ प्रथम अध्ययन समाप्त॥ || END OF CHAPTER ONE || बीइयं अज्झयणं : राई द्वितीय अध्ययन : राजी SECOND CHAPTER : RAJI सूत्र ३५ : जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं धम्मकहाणं पढमम्स वग्गस्स र पढमज्झयणस्स अयमढे पण्णत्ते बिइयस्स णं भंते ! अज्झयणस्स समणेणं भगवया महावीरेणं टा 15 जाव संपत्तेणं के अढे पण्णत्ते ? र सूत्र ३५ : जम्बू स्वामी ने प्रश्न किया-“भन्ते ! श्रमण भगवान महावीर ने दूसरे अध्ययन काट 15 क्या अर्थ कहा है ?" र 35. Jambu Swami asked, “Bhante! What is the meaning of the second 2 15 chapter as explained by Shraman Bhagavan Mahavir?” र सूत्र ३६ : एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णगरे, गुणसीलए चेइए, डा ( सामी समोसढे, परिसा णिग्गया जाव पज्जुवासइ। IC SECOND SECTION : DHARMA KATHA (363) टा Fennnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnn Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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