Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana, Surendra Bothra, Purushottamsingh Sardar
Publisher: Padma Prakashan

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Page 438
________________ DDDDDDDDDDDDDDDDDDDDD) 2 द्वितीय श्रुतस्कंध : धर्मकथा ( ३६५ ) टा 15 as a goddess. In future she will reincarnate in the Mahavideh area and 9 ? achieve liberation. (Details same as goddess Kali). सूत्र ३९ : एवं खलु जंबू ! विइयज्झयणस्स निक्खेवओ। सूत्र ३९ : जम्बू ! द्वितीय अध्ययन का यह निक्षेप समझना चाहिए। 39. Jambu! This is the end of chapter two. ॥ बिइयं अज्झयणं समत्तं॥ ॥ द्वितीय अध्ययन समाप्त॥ II END OF CHAPTER TWO 11 तइयं अज्झयणं : रयणी तृतीय अध्ययन : रजनी THIRD CHAPTER : RAJNI सूत्र ४0 : जइ णं भंते ! तइयस्स उक्खेवओ समणेणं भगवया महावीरेणं धम्मकहाणं ड पढमस्स वग्गस्स बिइयज्झयणस्स अयमढे पण्णत्ते, तइयस्स णं भंते ! अज्झयणस्स समणेणं ही र भगवया महावीरेणं के अटे पण्णत्ते ? र सूत्र ४० : जम्बू स्वामी ने पूछा-"भन्ते ! श्रमण भगवान महावीर ने तीसरे अध्ययन का क्या र अर्थ कहा है?" 15 40. Jambu Swami asked, “Bhante! What is the meaning of the third S } chapter as explained by Shraman Bhagavan Mahavir?" 15 सूत्र ४१ : एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे, गुणसीलए चेइए, एवं ६ रजहेव राई तहेव रयणी वि। णवरं-आमलकप्पा णयरी, रयणी गाहावई, रयणसिरी भारिया, टे हरयणी दारिया, सेसं तहेव जाव अंते काहिइ। र सूत्र ४१ : सुधर्मा स्वामी ने उत्तर दिया-“जम्बू ! उस काल और उस समय में राजगृह र नामक एक नगर था ?" आदि समस्त वृत्तान्त राजी देवी अथवा काली देवी के समान 15SECOND SECTION : DHARMA KATHA (365) C Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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