Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana, Surendra Bothra, Purushottamsingh Sardar
Publisher: Padma Prakashan

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Page 378
________________ DDDDDDDDDDDDDDDDD र अठाहरवाँ अध्ययन : सुंसुमा (३०७ ) डा 5 9. After being insulted and expelled from home Chilat started wandering 5 around various roads and crossings, temples, halls, water huts, casinos, c brothels and bars in Rajagriha and enjoying himself. When there was no one to restrain him, he became vagrant, wayward, a 5 drunkard, a thief, a gambler, a prostitutor, an adulterer, and debased. 15 सूत्र १० : तए णं रायगिहस्स णगरस्स अदूरसामंते दाहिणपुरस्थिमे दिसिभाए सीहगुहा नाम । र चोरपल्ली होत्था, विसमगिरिकडग-कोडंब-संनिविट्ठा वंसीकलंक-पागार-परिक्खित्ता छिण्ण-2 15 सेलविसमप्पवाय-फरिहोवगूढा एगदुवारा अणेगखंडी विदितजणणिग्गम-पवेसा अभिंतरपाणिया डा सुदुल्लभ-जलपेरंता सुबहुस्स वि कूवियबलस्स आगयस्स दुप्पहंसा यावि होत्था। सूत्र १0 : राजगृह नगर के आसपास के क्षेत्र में दक्षिणपूर्व दिशा की ओर सिंह गुफा नामकी द एक चोर-बस्ती थी। वह पर्वत प्रदेश के बीचों बीच दुर्गम स्थल पर बसी हुई थी और बाँस की 5 र झाड़ियों से घिरी हुई थी। उसके चारों ओर प्राकृतिक खाइयाँ व गर्त गढ्ढे थे। उसमें मुक्त आवागमन ट 5 के लिए एक ही द्वार था किन्तु पलायन करने के लिए अनेक छोटे-छोटे द्वार थे। उस बस्ती के दी 5 आसपास कहीं पानी उपलब्ध नहीं था, केवल बस्ती में ही पानी था। चोरी का माल जप्त करने के SI र लिए आई हुई सेना भी उस बस्ती का कुछ न बिगाड़ सकती। ऐसी थी वह चोर बस्ती। 15 10. In the outskirts of Rajagriha, in the south-eastern direction there was a 5a hideout of thieves known as Simha-Gupha. It was located at an 5 impregnable spot in a hilly terrain and was surrounded by bamboo thickets. I Around it there were natural gorges, trenches, and ditches. It had only one known gate for normal movement but many small and concealed passages for escape. There was no source of water in the general area except the hideout 5 proper. Even armed forces coming to investigate and apprehend could not 15 harm this hideout. Such was Simha-Gupha.. र सूत्र ११ : तत्थ णं सीहगुहाए चोरपल्लीणं विजए णामं चोरसेणावई परिवसइ अहम्मिए । 15 जाव अहम्मकेऊ समुट्ठिए बहुनगरणिग्गयजसे सूरे दढप्पहारी साहसिए सद्दवेही। से णं तत्थ ड र सीहगुहाए चोरपल्लीए पंचण्हं चोरसयाणं आहेवच्चं जाव विहरइ। र सूत्र ११ : उस सिंह गुफा चोर बस्ती में विजय नाम का चोर सेनापति रहता था। वह द 5 अधार्मिक (अधर्म से जीविका करने वाला) तथा सर्वदोष सम्पन्न था और अपने पाप कर्मों के डा र कारण अधर्म की ध्वजा के समान था। अनेक नगरों में उसकी बदनामी फैली थी। वह शूरवीर, दृढ़ 2 र प्रहारी (प्रहार करने में कठोर) साहसी और शब्दवेधी था। सिंह गुफा के पाँच सौ चोरों पर उसका ८ 5 एक छत्र आधिपत्य था। 11. In Simha-Gupha lived the leader of thieves, Vijay. He was absolutely corrupt and had all the vices. Due to his extreme indulgence in sinful ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण P CHAPTER-18 : SUMSUMA (307) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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