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ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र (भाग २)
चित्र परिचय
THE ILLUSTRATIONS EXPLAINED
दुर्भावों से दिया : कटु फल पाया
चित्र : २०
चम्पानगरी निवासी सोम, सोमदत्त एवं सोमभूति नाम के तीनों भाइयों को जब यह पता चला कि नागश्री (सोम की पत्नी) ने मासखमण तपस्वी धर्मरुचि अणगार को जहरीले तुम्बे का आहार दे दिया जिस कारण तपस्वी अकाल में ही काल धर्म को प्राप्त हो गये तब उन्होंने नाग श्री की बहुत कठोर वचनों से ताड़ना, तर्जना व भर्त्सना की तथा उसे धक्के देकर घर से बाहर निकाल दिया।
नागश्री विक्षिप्त जैसी होकर चम्पानगरी के चौराहों, तिराहों आदि पर भटकती है। उसके डरावने विकराल रूप को देखकर कुत्ते भौंकते रहते, लोग अंगुली दिखाकर कहते - "यह वही दुष्ट दुर्भागिनी पापात्मा है, जिसने तपस्वी अणगार को जहरीला तुम्बा बहराया।” वह गली-गली में टुकड़े माँगती भटकती हुई अनेक महारोगों का शिकार हो गयी। ( सोलहवाँ अध्ययन)
AS YOU SOW SO SHALL YOU REAP
ILLUSTRATION : 20
When the Brahman brothers Som, Somdatt and Sombhuti came to know that Som's wife Naagshri gave the bitter and toxic gourd curry to ascetic Dharmaruchi for breaking his one month long fast, thus causing his untimely death, they became very angry. They insulted, deplored, and rejected her. And at last cursing and shouting they kicked her out of their house.
Exiled from home, Naagshri drifted to various crossings, (etc.) of Champa city. Seeing her terrifying appearance dogs barked after her. People on the streets pointed at her, "This is that evil woman who gave the poisonous gourd to a noble soul and caused his death." Drifting from one place to another and living on leftovers thrown outside houses she caught numerous terrible diseases.
(CHAPTER-16)
JNĀTĀ DHARMA KATHANGA SÚTRA (PART-2)
यह परिचय चित्र नम्बर १९ का समझें। THIS EXPLANATION IS FOR ILLUSTRATION NO. 19
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