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र सोलहवाँ अध्ययन : अमरकंका
( १९९) SH 5 सूत्र ६७ : चम्पानगरी में एक ललिता-गोष्ठी (मनमोजियों की टोली) रहती थी जिसे राजा द्वारा डा र इच्छानुसार विचरण की छूट मिली हुई थी। वे लोग माता-पिता आदि गुरुजनों को भी महत्त्व नहीं था र देते थे। वेश्या का घर ही उनका घर था। वे लोग अनेक प्रकार के अनाचारों में लिप्त रहते थे। 5 धनाढ्य होने के कारण वे निर्भय और उद्दण्ड थे। 5 SUKUMALIKA'S AMBITION 15 67. In Champa city there was an association of dubious characters. They S > had sanction of the king to do as they liked. They hardly gave any credence
to words of their parents or elders. houses of ill fame were their homes. They indulged in all sorts of libidinous and other anti-social activities. Their
affluence made them fearless and arrogant. र सूत्र ६८ : तत्थ णं चंपाए नयरीए देवदत्ता नामं गणिया होत्था सुकुमाला जहा अंड णाए। टे 15 तए णं तीसे ललियाए गोट्ठीए अन्नया पंच गोहिल्लपुरिसा देवदत्ताए गणियाए सद्धिंड
२ सुभूमिभागस्स उज्जाणस्स उज्जाणसिरि पच्चणुब्भवमाणा विहरंति। तत्थ णं एगे गोहिल्लपुरिसेट 5 देवदत्तं गणियं उच्छंगे धरइ, एगे पिट्ठओ आयवत्तं धरेइ, एगे पुष्फपूरयं रएइ, एगे पाए रएइ, डा 5 एगे चामरुक्खेवं करेइ। र सूत्र ६८ : चम्पानगरी में देवदत्ता नामकी एक गणिका भी रहती थी। वह सुन्दरता कोमलता 5 आदि गुणों से सम्पन्न थी। (विस्तृत वर्णन अ. ३ सू. ६ अण्ड ज्ञात के समान) र एक बार उस ललिता-गोष्ठी के पाँच सदस्य देवदत्ता गणिका के साथ सुभूमिभाग उद्यान की द 5छटा का आनन्द ले रहे थे। उनमें से एक ने देवदत्ता को अपनी गोद में बिठाया, दूसरा पीछे छत्र २ पकड़ कर खड़ा हो गया, तीसरा उसके मस्तक पर फूलों का जूडा बनाने लगा, चौथा उसके चरण टा र रंगने लगा, और पाँचवां उसपर चामर डुलाने लगा। 5 68. In Champa also lived a courtesan named Devdatta. She was richly S > endowed in beauty and charm (etc. details as ch.3 para 6). 5 One day five members of this association were enjoying the scenic beauty 15 of the Subhumibhag garden in company of Devdatta. One of them made 15 Devdatta sit in his lap, while another stood with an umbrella in his hand at » the back of the first; the third one started embellishing her hairdo with
flowers, the fourth one started applying vermilion to her feet, and the fifth
one started fanning her with a whisk. 15 सूत्र ६९ : तए णं सा सूमालिया अज्जा देवदत्तं गणियं पंचहि गोहिल्लपुरिसेहिं सद्धिं 51
र उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाइं भुंजमाणिं पासइ, पासित्ता इमेयारूवे संकप्पे समुप्पज्जित्था15 'अहो णं इमा इत्थिया पुरापोराणाणं जाव विहरइ, तं जइ णं केइ इमस्स सुचरियस्स डा E CHAPTER-16 : AMARKANKA
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