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LIGUDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDU र तेरहवाँ अध्ययन : मंडूक-द१रज्ञात
( ९७ ) 2 3 has constructed this square and beautiful Nanda pool with four gardens
around it. People coming out of Rajagriha avail of the facilities provided here 15 (as already detailed). Thus the life and deeds of Nand Manikaar are ] commendable."
People in every nook and corner of the city also talked on the same topic. S
Nand Manikaar was happy and contented to hear all this praise. Like a Brain drenched Kadamb flower, every single pore of his body became ecstatica 15 with joy. He experienced the intense pleasure derived out of the contentment. र नन्द की रुग्णता र सूत्र २१ : तए णं तस्स नंदस्स मणियारसेट्टिस्स अन्नया कयाई सरीरगंसि सोलस रोगायंका टै 15 पाउब्भूया, तं जहा
सासे कासे२ जरे३ दाहे, कुच्छिसूले५ भगंदरे६। अरिसा अजीरए दिट्टि-मुद्धसूले१० अकारए११ ॥१॥
अच्छिवेयणा१२ कन्नवेयणा१३ कंडू १४ दओदरे१५ कोढे १६। तए णं से णंदे मणियारसेट्ठी इमेहिं सोलसहि रोगायंकेहिं अभिभूते समाणे कोडुबियपुरिसेडा र सद्दावेइ, सद्दावित्ता एवं वयासी-'गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! रायगिहे नयरे सिंघाडग जावटी 5 महापहपहेसु महया महया सद्देणं उग्घोसेमाणा उग्घोसेमाणा एवं वयह-‘एवं खलु देवाणुप्पिया ! र णंदस्स मणियारसेट्टिस्स सरीगंसि सोलस रोगायंका पाउब्भूया, तं जहा-सासे य जाव कोढे। 15 तं जो णं इच्छइ देवाणुप्पिया ! वेज्जो वा वेज्जपुत्तो वा जाणुओ वा जाणुअपुत्तो वा कुसलो |
र वा कुसलपुत्तो वा नंदस्स मणियारस्स तेसिं च सोलसण्हं रोगायंकाणं एगमवि रोगायंकंटा 15 उवसामेत्तए, तस्स णं देवाणुप्पिया ! नंदे मणियारे विउलं अत्थसंपयाणं दलयइ त्ति कट्ट दोच्चं पिड
र तच्चं पि घोसणं घोसेह। घोसित्ता जाव पच्चप्पिणह।' ते वि तहेव पच्चप्पिणंति। 15 सूत्र २१ : कुछ समय पश्चात् एक बार नंद मणिकार सेठ के शरीर में सोलह प्रकार के रोगों की र पीड़ा उत्पन्न हुई। वे रोग इस प्रकार हैं-(१) श्वास, (२) कास-खांसी, (३) ज्वर, (४) दाह-जलन, टी 5 (५) कुक्षिशूल- कांख का शूल, (६) भगंदर, (७) अर्श-बवासीर, (८) अजीर्ण, (९) दृष्टि-शूल, डा 5 (१०) मात्रक शूल-सरदर्द, (११) भोजन में अरुचि, (१२) आँखों की वेदना, (१३) कानों की हा र वेदना, (१४) कंडू-खाज, (१५) दकोदर- जलोदर, और (१६) कोढ। 5 नंद मणिकार सेठ इन सोलह रोगों से पीड़ित होने पर अपने सेवकों को बुलाकर बोला-"हेड र देवानुप्रियो, तुम राजगृह नगर के चौराहों, राजमार्गों आदि पर यह उद्घोषणा करो--
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15 CHAPTER-13 : THE FROG Snnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnny
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