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विसुद्धिमग्गो गीवचम्मानन्तरं हेट्ठिमह चम्मं ववत्थपेत्वा अधरो?परियोसानं पापेत्वा निट्ठपेतब्बं। एवं ओळारिकोळारिकं परिगण्हन्तस्स सुखुमं पि पाकटं होति। दिसतो द्वीसु दिसासु जातो। ओकासतो सकलसरीरं परियोनन्धित्वा ठितो। परिच्छेदतो हेट्ठा पतिट्टिततलेन, उपरि आकासेन परिच्छिन्नो, अयमस्स सभागपरिच्छेदो। विसभागपरिच्छेदो पन केससदिसो येव। (५)
२४. मंसं ति। नव मंसपेसिसतानि। तं सब्बं पि वण्णतो रत्तं किंसुकपुप्फसदिसं। सण्ठानतो जवपिण्डिकमंसं तालपण्णपुटभत्तसँण्ठानं। ऊरुमंसं निसदपोतसण्ठानं । आनिसदमंसं उद्धनकोटिसण्ठानं। पिट्ठिमंसं तालगुळपटलसण्ठानों पासुकद्वयमंसं कोट्ठलिकाय कुच्छियं तनुमत्तिकालेपसण्ठानं। थनमंसं वठूत्वा अवक्खित्तमत्तिकापिण्डसण्ठानं बाहुद्वयमंसं द्विगुणं कत्वा ठपितनिच्चम्ममहामूसिकसण्ठानं। एवं ओळारिकोळारिकं परिगण्हन्तस्स सुखुमं पि पाकटं होति। दिसतो द्वीसु दिसासु जातं। ओकासतो साधिकानि तीणि अट्ठिसतानि अनुलिम्पित्वा ठितं। परिच्छेदतो हेट्ठा अट्ठिसङ्घाते पतिट्ठिततलेन, उपरि तचेन, तिरियं अञमजेन परिच्छिन्नं, अयमस्स सभागपरिच्छेदो। विसभागपरिच्छेदो पन केससदिसो येव। (६)
... २५. न्हारू ति। नव न्हारुसतानि। वण्णतो सब्बे पि न्हारू सेता। सण्ठानतो नानासण्ठाना। एतेसु हि गीवाय उपरिमभागतो पट्ठाय पञ्चमहान्हारू सरीरं विनन्धमाना
पर सूक्ष्म भी प्रकट हो जाता है। दिसतो-दोनों दिशाओं में उत्पन्न। ओकासतो-पूरे शरीर को लपेट कर स्थित। परिच्छेदतो-नीचे प्रतिष्ठित सतह से, ऊपर आकाश से परिच्छिन्न है-यह इसका सभाग परिच्छेद है। विसभाग परिच्छेद केश आदि के ही समान है। (५)..
२४. मंसं-नौ सौ मांसपेशियाँ। वे सभी वण्णतो रक्त (वर्ण के) किंशुक के फूल के समान हैं। सण्ठानतो-घुटने का मांस भात पर लपेटे गये ताड़-पत्र के आकार का है। जाँघ का मांस लोढ़े के आकार का है। पुढे का मांस चूल्हे के ऊपरी भाग के आकार का है। पीठ का मांस ताड़ से बने गुड़ के पटल (जो कि ताड़ की चटाई पर ताड़ के गूदे को फैलाकर सुखाया जाता है) के आकार का है। दोनों पसलियों का मांस कोठरी के भीतर (कुक्षि में) पतली मिट्टी के लेप के आकार का, स्तन का मांस गोला बनाकर फेंके गये मिट्टी के लोंदे के आकार का है। दोनों हाथों का मांस दोहरा करके रखे गये चर्मविहीन बहुत बड़े चूहे के आकार का है। यों स्थूल स्थूल का ग्रहण करते करते सूक्ष्म भी प्रकट हो जाता है। दिसतो-दो दिशाओं में उत्पन्न ।
ओकासतो-तीन सौ से अधिक हड्डियों को लेप कर स्थित। परिच्छेदतो-नीचे हड्डियों के संघात में प्रतिष्ठित सतह से, ऊपर त्वचा से, चारों ओर एक दूसरे से परिच्छिन्न है-यह इसका सभाग परिच्छेद है। विसभाग परिच्छेद केश के समान ही है। (६) .
२५. न्हारु-नौ सौ स्नायु (नस)। वण्णतो-सभी नसें सफेद हैं। सण्ठानतो-अनेक आकार की है। शरीर को एक में बाँधने वाली बड़ी नसों में पाँच ग्रीवा के ऊपरी भाग के आरम्भ
१. निसदपोतो सिलापुत्तको। धञादीनं परिमद्दनत्थं सिलाखण्डं तच्छेत्वा कतो। २. मांसपेशियों की उपर्युक्त संख्या आधुनिक शरीरविज्ञान के अनुसार भी समान है।