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मुक्ति : समाज के धरातल पर
१७ वैज्ञानिक दृष्टिकोण
विषय बहुत बड़ा है, इसके लिए पृष्ठभूमि की जरूरत थी वह मैंने प्रस्तुत की है। विचारों का संक्रमण कब हुआ, कैसे हुआ आदि बातों पर चिन्तन अपेक्षित है । दर्शन का विकास कालक्रम से हुआ है, वह अनादि नहीं है । हजारों वर्षों में भाषा के कई रूपपरिवर्तन हो जाते हैं, तब विचारों का प्रवाह एक रूप कैसे रह सकता है ? इसलिए विचारों के क्रमिक विकास का अध्ययन करना दार्शनिक अध्ययन का वैज्ञानिक दृष्टिकोण है।
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