Book Title: Samasya ko Dekhna Sikhe
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 218
________________ २०४ अपूर्ण है वैज्ञानिक प्रगति एक जांघ वाले मनुष्य गुफाओं में रहते हैं और मिट्टी का आहार करते हैं । शेष सब वृक्षों पर रहते हैं और पुष्प फल आदि का आहार करते हैं । ये अन्तर- द्वीपों में रहनेवाले मनुष्य हैं । जितनी विभिन्नता क्षेत्रकृत है, उससे कम कालकृत कैसे होगी; हमारी यह कल्पना कि मनुष्य सदा एक जैसी आकृति, लम्बाई, चौड़ाई, संस्थान संहनन वाला रहा है, यह कोरी कल्पना ही है । वास्तविकता तो यह है कि उसमें जितना परिवर्तन हुआ है, उसकी कल्पना आज हमें नहीं है । मनुष्य से श्रेष्ठ कोई प्राणी है—यह विज्ञान के लिए प्रश्न ही है । किन्तु हमारी दुनिया भी ऐसे वातावरणों से घिरी हुई है कि इससे आगे जो असंख्य दुनिया हैं उनकी और उनके प्राणियों की तथा अपने विद्याओं के मनुष्यों की सही स्थिति को जानने के लिए आज भी हमारी वैज्ञानिक प्रगति अपूर्ण है । इसलिए मनुष्य जो सब रहस्यों को खोलने के लिए गतिशील हो रहा है, वह स्वयं भी एक रहस्य है । Jain Education International समस्या को देखना सीखें For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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