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अहिंसा की प्रतिकारात्मक शक्ति
प्रश्न है आस्था का
अहिंसक प्रतिकार हमारी आस्था का प्रश्न है। हिंसा में निष्ठा है, वे शस्त्र बल को जगा रहे हैं। अहिंसा-निष्ठ व्यक्ति अभय को जगाएं। वह परमाणु बम से भी अधिक शक्तिशाली अस्त्र है । उसकी शक्ति की हम कोई कल्पना नहीं कर सकते । हमारे मन में भय होता है तभी हमारे पर कोई आक्रमण कर सकता है, शासन थोप सकता है और कुछ भी कर सकता है। हम अभय हो जाते हैं, हमें मृत्यु की असीम शक्ति प्राप्त हो जाती है, दुनिया की कोई भी शक्ति हमें आक्रान्त नहीं कर सकती । परशासित वही जाति होती है, जिसके पास अपना आस्था-बल नहीं होता ।
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