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समस्या को देखना सीखें
पूज्य गुरुदेव श्री गंगाशहर (बीकानेर) विराज रहे थे । प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने राजीव गांधी को गुरुदेव के पास भेजा । आचार्यश्री ने चिन्तन के प्रसंग में कहा- आप इन्दिराजी को बताएंगे कि केवल समाज व्यवस्था के बदलने से समस्या का समाधान नहीं होगा और केवल हृदय परिवर्तन से भी समस्या का समाधान नहीं होगा । समाज व्यवस्था, और हृदय— दोनों के परिवर्तन का प्रयत्न एक साथ चले, तभी परिवर्तन की प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है ।
एकता का महान् सूत्र
एकता का सबसे बड़ा सूत्र है हृदय परिवर्तन। इसे ध्यान में रखकर अहिंसा प्रशिक्षण की पद्धति का विकास किया गया । इसे विश्वमंच पर प्रस्तुत करने के लिए दो अन्तर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस आयोजित की गई। पहली कान्फ्रेंस ५ से ७ दिसंबर १९८९ को जैन विश्व भारती, लाडनूं में तथा दूसरी कान्फ्रेंस १७ से २१ फरवरी १९९१ को राजसमन्द में आयोजित हुई । पूज्य गुरुदेव श्री तुलसी के सान्निध्य में संपन्न उस गोष्ठी का निष्कर्ष था— अहिंसा के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं का संयुक्त राष्ट्रसंघ में एक मंच हो, अपना संयुक्त राष्ट्रसंघ हो । अहिंसा के क्षेत्र में प्रयोग और प्रशिक्षण का विशिष्ट अभिक्रम चले । अहिंसा के प्रशिक्षण की इस वार्ता ने विश्व-मानस को बहुत प्रभावित किया ।
संघर्ष शांति में बदल गया
पूज्य गुरुदेव एकता के लिए सदा प्रयत्नशील रहे । आपने जैन एकता के लिए पंचसूत्री कार्यक्रम का प्रतिपादन किया और उसके लिए अनेक प्रयत्न भी किए। एकता एक लक्ष्य है, संकल्प है । वह कोई आरोपण नहीं है । मेवाड़ की घटना है । एक छोटासा गांव । पहाड़ों से घिरा हुआ। वहां बैलगाड़ी का जाना भी मुश्किल होता है । चट्टानी पहाड़ियों को पार कर गुरुदेव वहां पहुंचे । दो भाइयों के बीच संघर्ष चल रहा था । गुरुदेव ने बड़े भाई से कहा- तुम इस संघर्ष को समाप्त कर दो। वह बोला- गुरुदेव ! मैं आपका भक्त हूं | आप कहें तो में धूप में खड़ा सूख जाऊंगा पर इस संघर्ष को समाप्त नहीं करूंगा । आखिर हृदय परिवर्तन हुआ और संघर्ष शान्ति में बदल गया ।
इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार समिति ने एकता के प्रयत्न का मूल्यांकन किया । अध्यात्म और नैतिकता के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों ने अनुभव किया कि इससे नैतिकता को और अधिक बल मिलेगा' ।
1. पूज्य गुरुदेव श्री तुलसी को 1992 का इन्दिरागांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार प्रदान किया गया उस संदर्भ में लिखा गया है प्रस्तुत निबंध |
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