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समस्या का पत्थर : अध्यात्म छेनी
राज्यविहीन समाज की रचना के मूल में अध्यात्म की भूमिका आवश्यक थी । लोकतंत्र की असफलता का कारण भी है अध्यात्म की भूमिका का अभाव ।
अरस्तु की पत्नी बहुत क्रोधी थी । एक दिन अरस्तु बाहर से घर आए तो वह बिगड़ उठी । पहले तो क्रोध में आकर गालियां देने लगी किन्तु जब अरस्तु ने वापस जवाब नहीं दिया तो उसने पानी-भरी बाल्टी अरस्तु के सिर पर डाल दी । अरस्तु ने शान्ति से जवाब दिया— 'क्या सुन्दर क्रम है ! पहले गर्जन और फिर बरसात ।' पत्नी का क्रोध हँसी में बह गया।
इस दृष्टान्त से स्पष्ट समझ में आता है कि अध्यात्म की पृष्ठभूमि अरस्तु के साथ थी इसलिए समस्या उठने ही नहीं पायी । दूसरी ओर उसकी पत्नी के साथ अध्यात्म नहीं था, फलतः वह उलझ रही थी । समस्या एक ओर है तो दूसरी ओर समाधान भी प्रस्तुत
दृष्टि का विपर्यास
__ सब समस्याओं की ओर से मुंह मोड़कर केवल अपनी समस्या की ओर ध्यान दें। हम बाहर में भटकते हैं तो शक्ति क्षीण होती है। सूर्य की किरणें केन्द्रित करने से अग्नि प्रज्वलित होती है और केन्द्रित हवा गुब्बारे को आसमान में उड़ाती है किन्तु हम मन की शक्ति को केन्द्रित न कर विकेन्द्रित कर देते हैं । मैं इसीलिए कहता हूं कि अपने आप पर ध्यान दें, यही अध्यात्म है । समस्याओं को सुलझाने का विकल्प बाहर में ही ढूंढते हैं, अन्तर की ओर नहीं जाते । हम सब बाहर ही खड़े हैं, भीतर जाना नहीं चाहते । भीतर से भय लगता है । कितनी विपरीत बात है ! जहां भय है वहां हम खड़े है और जहां निर्भयता है वहां जाते भयभीत हो रहे हैं
'मूढात्मा यत्र विश्वस्तः, ततो नान्यद् भयास्पद्म ।
यतो भीतस्ततो नान्यद्, अभयस्थानमात्मनः ।।" जहां से वह डर रहा है, वही अभय का स्थान है।
दृष्टि का विपर्यास जब तक नहीं मिटेगा तब तक समस्या सुलझने वाली नहीं । घाव की दवा घाव पर ही लगानी होती है । आचार्य भिक्षु ने एक दृष्टान्त से समझाते हुए कहा कि आंख का रोगी आंख की दवा को आंख में नहीं डालना चाहता; क्योंकि वहां जलन होती है । इसीलिए वह पीठ पर मलता है। क्या इससे आंख ठीक हो जायेगी ? समस्या है आग्रह
हमारी समस्याएं आग्रह के कारण उलझती हैं। जीवन में अनाग्रह और सत्य आना चाहिए किन्तु इसके लिये अवकाश ही कहां है ? दिमाग में ताले लगा रखे हैं । दरवाजे तो दूर, खिड़की तक भी खुली नहीं रखी है । जाति का ताला लगा है, वर्ण और सम्प्रदाय का ताला बन्द है । हिन्दुओं के जातिवादी तिरस्कार से अनेक बौद्ध, ईसाई और मुसलमान
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