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समस्या को देखना सीखें
सुखी जीवन का मंत्र
जो साथ रहते हैं, उनमें कलह भी हो जाता है । जिसे विस्मृति का वरदान प्राप्त है, वह उसे भुला देता है और सुख से जीता है । कुछ आदमी सुख से नहीं जी सकते । वे स्मृति के धागों में उलझकर दूसरों पर आग उगलते रहते हैं ।
मैं जब-जब अपने सुखी जीवन की कल्पना करता हूं, तब-तब भूलने का अभ्यास करता हूं । उतना सब भूल जाना चाहता हूं जितना सिर का भार है । बहुत याद रखना जरूरी नहीं । उतना ही काफी है, जितना जीवन-रथ को आगे ले जाए ।
स्मृति ! तुम मेरे जीवन-रथ को पीछे की ओर घसीटना चाहो तो तुम्हें मेरा दूर से ही प्रणाम है।
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