________________
समस्या को देखना सीखें
आकर्षण – ये सब प्राण के आधार पर होते हैं, विद्युत् शक्ति के आधार पर होते हैं । विद्युत् ही ये सारे कार्य निष्पन्न करती है । विद्युत् को बढ़ाना मनोबल को बढ़ाना है । जिसकी विद्युत् तीव्र होती है उसका मनोबल बढ़ जाता है। जिसकी विद्युत् क्षीण होती है उसका मनोबल घट जाता है ।
७२
हिंसा अज्ञान में नहीं होती है। कोई भी अज्ञानी कभी हिंसा नहीं कर सकता । हिंसा ज्ञानवान् प्राणी करता है, जीव करता है । ज्ञानवान् जीव करता है। हिंसा भी ज्ञान में होती है । और असत्याचरण भी ज्ञान में ही होता है । चोरी भी ज्ञान में होती है । वासनाएं और दुर्भावनाएं भी ज्ञान की सीमा में होती हैं
I
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org