Book Title: Kusumvati Sadhvi Abhinandan Granth
Author(s): Divyaprabhashreeji
Publisher: Kusumvati Abhinandan Granth Prakashan Samiti Udaipur
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रन का मूल्यांकन उसकी निर्मल कांति से होता है, उसी प्रकार किसी व्यक्तित्व को मूल्यांकन उसके तेजोमय कृतित्व से
होता है।
महासती श्री कुसुमवतीजी का जीवन प्रारम्भ से ही तेजस्वी और सक्रिय रहा है। साहस, दृढ़ संकल्प, परोपकार वृत्ति, सेवा एवं सहयोग की भावना, धर्म प्रचार के लिए असीम तितिक्षा एवं बलवती सप्रेरणाएँ उनके बहमुखी जीवन की दिव्य किरणें हैं, जिनसे उजागर प्रभास्वर हैं उनका व्यक्तित्व-मणि ।
पूज्य महासती जी के बहुआयामी व्यक्तित्व का तटस्थ सहज रेखांकन किया है, ग्रंथ की दुशल सम्पादिका विदूषी साध्वी दिव्यप्रभाजी (एम. ए., पी-एच. डी.) ने अपनी सरल भावप्रवण प्रवाहशील भाषा शैली में ।
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