Book Title: Kusumvati Sadhvi Abhinandan Granth
Author(s): Divyaprabhashreeji
Publisher: Kusumvati Abhinandan Granth Prakashan Samiti Udaipur
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श्रीमान् शान्तिलाल जो तलसरा
श्रीमान लक्ष्मोलाल जो तलेसरा
मेवाड़ अपनी गौरवगाथा से सदा समृद्ध रहा है। मेवाड़ के हजारों व्यक्तियों ने समय-समय पर धार्मिक सामाजिक कार्यों में अपूर्व योगदान प्रदान किया है ।
श्रीमान् शान्तिलाल जी लक्ष्मीलाल जी तलेसरा मेवाड़ के यशवन्तगढ़ ग्राम के निवासी हैं, आपके पूज्य पिताश्री का नाम शिवलालजी एवं माताजी का नाम नवलबाई था, माता-पिता के सुसंस्कारों के कारण बचपन से ही आपके दिल में गुरु व धर्म के प्रति अटूट आस्था रही हैं।
श्रीमान् शान्तिलाल जी का पाणिग्रहण बगडुन्दा निवासी गेहरीलाल सा. लोढा की सुपुत्री भंवरदेवी के साथ हुआ। आपके ३ सुपुत्र कुन्दनलाल, महेन्द्रकुमार, और तरुणकुमार तथा ४ सुपुत्रियाँ रतनदेवी, लीलादेवी, लक्ष्मीदेवी एवं जसमाकुमारी है।
आपके लघुभाई लक्ष्मीलाल जी का पाणिग्रहण लक्ष्मीदेवी के साथ हुआ, आपके एक सुपुत्र गौरवकुमार एवं ४ सुपुत्रियाँ पुष्पाकुमारी, सुमित्राकुमारी, अनोखाकुमारी एवं नीताकुमारी हैं।
आपकी दो बहिने देवीबाई एवं कमलादेवी हैं।
आपकी प्रेरणा से गत वर्ष पूज्य उपाध्याय एवं उपाचार्य श्री का जसवन्तगढ़ चातुर्मास सम्पन्न हुआ। प्रस्तुत ग्रन्थ में आपने उदारतापूर्वक सहयोग प्रदान किया है। आपके फर्म है-अमरतारा कार्पोरेशन ।
अमरशान्ति सिल्क मील्स ३-ए. एम. जी. मार्केट, राजकुमार पेट्रोल पम्प के पास थर्डप्लोर रिंगरोड सूरत ।
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