Book Title: Kusumvati Sadhvi Abhinandan Granth
Author(s): Divyaprabhashreeji
Publisher: Kusumvati Abhinandan Granth Prakashan Samiti Udaipur
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श्रीमान् सोहनलाल जी सा. जैन वीर भूमि मेवाड की नाथद्वारा नगरी के एक सुप्रसिद्ध समाज सेवी उदारमना उत्साही एवं लोकप्रिय कार्यकर्ता हैं । जीवन तो सभी को मिलता है पर जोवन जीने की कला किसी किसी को मिलती है। बहुत से मानव खुद भी दुःखी एवं दूसरों को भी दुःखी करके जीते है तो बहुत से खुद भी सुखी एवं दूसरों को भी सुखी करके जीते है । श्रीमान सोहनलाल जी जैन उस फूल की भाँति है जो अपनी सुगन्ध सौरभ से सभी को प्रसन्न कर देता है। आपके सहयोग से नाथद्वारा समाज का नाम सदा आगे रहा है, वहाँ बड़े बड़े चातुर्मास भी आपकी प्रेरणा से होते रहे हैं परमादरणीया महासती श्री कुसुमदतो जो म० के चातुर्मास में भी आपका अपूर्व योगदान रहा है साथ ही इस ग्रन्थ में भी आपका पूर्ण सहयोग रहा है । आपकी भांति ही आपका सम्पूर्ण परिवार धर्म निष्ठ हैं, आपकी फर्म का नाम हैं
जैन ट्रान्स्पोर्ट कम्पनी बस स्टेण्ड के पास नाथद्वारा जिला उदयपुर (राज.)
जनज
श्रो सोहनलालजी जैन-नाथद्वारा
श्रीमान् शंकरलाल जी सा. बम्ब नाथद्वारा जैन समाज के एक प्रमुख उदारमना चिन्तनशील सुश्रावक हैं । आपको एवं आपके परिवार को धर्म के प्रति गहरी रुचि एवं आस्था है, आपने अपने पुरुषार्थ से धार्मिक सामाजिक क्षेत्र के साथ साथ व्यापारिक क्षेत्र में भी अच्छा नाम कमाया है। नाथद्वारा में आपके कपड़ों का अच्छा व्यवसाय हैं, प्रतिदिन आप अपने नित्य नियम के साथ शान्ति के साथ अपना जीवन व्यवहार कुशलतापूर्वक बनाए रखे हैं। समाज को भविष्य में आपश्री से बहुत कुछ आशाएँ हैं। प्रस्तुत अभिनन्दन ग्रन्थ में भी आपने उदारतापूर्वक सहयोग प्रदान किया है।
शकरलालजा बम्ब-नाथद्वारा
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