Book Title: Kusumvati Sadhvi Abhinandan Granth
Author(s): Divyaprabhashreeji
Publisher: Kusumvati Abhinandan Granth Prakashan Samiti Udaipur
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(८) महासती श्री राजश्रीजी म. सा.-आपका में दीक्षा ग्रहण की। आप महासती श्री कुसुमवती जन्म ग्राम बगडुन्दा जिला उदयपुर निवासी जी म. सा. की प्रशिष्या हैं। श्रीमान् गोपीलालजी छाजेड़ की धर्मपत्नी सौभाग्य- आपने उत्तर प्रदेश बोर्ड से हाईस्कूल परीक्षा | वती अमृताबाई छाजेड़ की पावन कुक्षि से सं. २०२३ व प्रयाग से विशारद परीक्षा उत्तीर्ण की है। आप ४ फाल्गुन शुक्ला पंचमी दिनांक १० फरवरी, १९७७ जैन सिद्धान्त विशारद परीक्षा भी उत्तीर्ण हैं। को हुआ । आपका जन्मनाम राधाकुमारी है। थोकड़े आदि कण्ठस्थ हैं। ___आपने उपाध्याय श्री पुष्करमुनिजी म. सा. संस्कृत, हिन्दी भाषाओं का आपको ज्ञान है । 12 को गरु बनाकर विदूषी साध्वी श्री चारित्रप्रभाजी आपकी विशेष रुचि आज्ञापालन में है। म. सा. के पास सं. २०४१ मगसर शुक्ला दशमी,
___ आपने राजस्थान, पंजाब, दिल्ली आदि प्रान्तों 8 दिनांक २ दिसम्बर, १९८४ के दिन चांदनी चौक,
का भ्रमण किया है। दिल्ली में दीक्षा ग्रहण की। आप महासती श्री
(१०) महासती श्री निरुपमाजी म० सा०- II कुसुमवतीजी म. की प्रशिष्या हैं। आपने मेरठ विश्वविद्यालय से बी. ए. की ।
आपका जन्म जामोला (ब्यावर) जिला अजमेर
निवासी ओसवाल वंशी, बोहरा गोत्रीय श्रीमान् । उपाधि प्राप्त की। पाथर्डी बोर्ड से जैन सिद्धान्त ।
__ नोरतमलजी की धर्मपत्नी सौभाग्यवती सोहनबाई | शास्त्री परीक्षा पास की। आपको थोकड़ों और
की पावन कुक्षि से सं.२०२२ माघ शुक्ला पूर्णिमा के शास्त्र का अच्छा ज्ञान है । आप हिन्दी साहित्यरत्न
! दिन हुआ था। आपका जन्मनाम शांताकुमारी है । भी उत्तीर्ण हैं । संस्कृत, प्राकृत, हिन्दी आदि भाषाओं
आपने उपप्रवर्तक श्री राजेन्द्र मुनिजी म. सा. ICS का आपको अच्छा ज्ञान है । गायन में आपकी ।
को गुरु बनाकर पाली (मारवाड़) में विदुषी साध्वी का विशेष रुचि है।
(डॉ.) श्री दिव्यप्रभाजी म. सा. का शिष्यत्व जैन ___ आपने राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब आहती दीक्षा ग्रहण कर स्वीकार किया। आपकी आदि में विचरण किया है।
दीक्षा सं. २०४३ आश्विन शुक्ला चतुर्दशी दिनांक PAN (E) महासती श्रीप्रतिभाजी म. सा०-आपका १६ अक्टूबर, १९८६ को हुई थी! आप महासती जन्म जयपुर निवासी ओसवालवंशी श्रीमान् झंवर- श्री कुसुमवतीजी म. सा. की प्रशिष्या हैं। लालजी झाबक की धर्मपत्नी सौभाग्यवती किरणदेवी आपने मैट्रिक पर्यन्त व्यावहारिक शिक्षण प्राप्त झाबक की पावन कुक्षि से सं. २०२७ भाद्रपद कृष्णा कर संस्कृत, प्राकृत और हिन्दी भाषाओं का अभ्यास तृतीया दिनांक १५ अगस्त, १९७१ को हुआ था। किया है। आपको अनेक थोकड़े, ढालें, चौपाइयाँ आपका जन्म नाम प्रवीणाकुमारी है।
आदि कण्ठस्थ हैं । महासती श्री अनुपमाजी म. सा. __आपने उपाध्याय श्री पुष्करमुनिजी म. सा. आपकी सांसारिक बहिन हैं। को गुरु बनाकर सं. २०४१ मगसर शुक्ला दशमी सेवा विचरण आदि में आपकी विशेष रुचि है। दिनांक शदिसम्बर, १९८४ को चाँदनी चौक, दिल्ली आप संयम साधना में सदैव अग्रसर रहती हैं। में महासती श्री चारित्रप्रभाजी म. सा. के सान्निध्य आपका विहार क्षेत्र राजस्थान है।
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द्वितीय खण्ड : जीवन-दर्शन (0.30 साध्वीरत्न कुसुमवती अभिनन्दन ग्रन्थ
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