Book Title: Kusumvati Sadhvi Abhinandan Granth
Author(s): Divyaprabhashreeji
Publisher: Kusumvati Abhinandan Granth Prakashan Samiti Udaipur

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Page 644
________________ श्रीमान् ल हेरीलाल जी सिंघवी, सूरत श्रीमान लहरीलालजी सा. सिंघवी एक ऐसे युवा सज्जन हैं जो सदा हँसमुख प्रसन्नचित्त रहते हुए अपने कर्तव्य पथ पर चलते रहे हैं, आपका जन्म मेवाड़ के उस प्रसिद्ध ओसवाल सिंघवी परिवार में हुआ है जो सदा से ही धार्मिक, सामाजिक कार्य में अगुवा रहा है। आपश्री के पूज्य पिताश्री का नाम सेठ डालचन्दजी सा. सिंघवी हैं, आपके बड़े भाई श्रीमान रतनलालजी सा सिंघवी भी आपकी भांति ही समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। श्रीमान रतनलालजी सा. की धर्मपत्नि का नाम सुन्दरबाई हैं, एवं लहरी लालजो सा की धर्मपत्नि का नाम कमलाबाई है । आप दोनों भ्राताओं की जोड़ी राम व लक्ष्मण की भाँति सदा मिलनसार रही हैं। आपके सुपुत्र-नरेन्द्रकुमार, अनिलकुमार, नरेशकुमार, बलवन्त कुमार, निलेश कुमार, लवेश एवं हिमांशु हैं । इसी प्रकार आपकी सुपुत्रियाँ हेमाकुमारी, पिंकी, डिम्पल इस प्रकार भरा-पूरा परिवार आपका धर्म व समाज के कार्य में सदा अग्रगण्य रहता है । आपकी सुप्रसिद्ध फर्म है शाह लहरीलाल डालचन्द सी/१०११ सूरत टैक्सटाइल मार्केट रिंग रोड, सूरत-३६५००२ फोन-६२३२८४, ६२४२०८ on www.jainelibrary.org For Private & Personal Use Only Jain Education International

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