Book Title: Kusumvati Sadhvi Abhinandan Granth
Author(s): Divyaprabhashreeji
Publisher: Kusumvati Abhinandan Granth Prakashan Samiti Udaipur
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उदार अर्थसहयोगी सज्जनों का परिचय
श्री रमणभाई पुनमिया सादड़ी, वसई
ओसवाल समाज सादड़ी मारवाड़ का नाम इतिहास प्रसिद्ध वीर भामाशाह के कारण सदा स्मरणीय रहेगा । ऐतिहासिक नगरी सादड़ी के ओसवाल समाज के पुनमिया परिवार में श्रीमान रमण लालजी एवं जयन्ती लालजी पुनमिया का जन्म हुआ । आप दोनों भ्राताओं के पिताश्री का नाम उदारमना सेठ श्री मोतीलालजी पुनमिया एवं मातुश्री का नाम जमनाबाई हैं ।
धार्मिक परिवार में जन्म होने से आप दोनों में जन्म के साथ धार्मिक संस्कार भी प्राप्त होने लगे, श्रीमान् रमणलालजी की धर्मपत्नि का नाम सो भानुमति है एवं जयन्तिलालजी की धर्मपत्नि का नाम सौ. कान्तादेवी है। रमणलालजी के सुपुत्र अशोक कुमार जी, संजयकुमार जी एवं जयन्तिलाल जी के सुपुत्र नीलेशकुमार जी एवं जुलेशकुमार जी हैं ।
सौ. भानु बहिन पुनमिया सादड़ी, बसई
आपका सम्पूर्ण परिवार पूज्य उपाध्याय एवं उपाचार्य श्री के प्रति आस्थावान रहा है, आपने प्रतिवर्ष धार्मिक संस्थाओं में मुक्त हस्त से दान दिया है । इसी दान प्रवृत्ति से प्रेरित होकर प्रस्तुत ग्रन्थ में भी आपने उदारता से सहयोग दिया है। वर्तमान में आपका सोने-चांदी का प्रसिद्ध व्यवसाय बसई महाराष्ट्र में चल रहा है । समाज से आप दोनों भाइयों से बहुत कुछ आशाएँ हैं, आपके फर्म का नाम है
मोतीलाल कस्तुरचन्द शाह झण्डा बाजार, पोस्ट - वसई जिला - थाणा (महा० )
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