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विवेचन - साधु का प्रत्येक कार्य सावधानी से होना चाहिए। सूई, कैंची आदि पैने उपकरण हैं, उनके आदान-प्रदान में विवेक जरूरी है जिससे कोई क्षति नहीं होने से बच सके ।
कुछ खास तरह की अविधियों का कथन आगे के सूत्रों में है।
Comments-Each and every action of an ascetic must be performed with utmost care. The description of some particular instances is in the next aphorisms. अनिर्दिष्ट उपयोग का प्रायश्चित्त THE EXPIATION OF NON- INDICATED USE
२७. जे भिक्खू पाडिहारियं सूई जाइत्ता वत्थं सिव्विस्सामि त्ति पायं सिव्वइ सिव्वंतं वा साइज्जइ । २८. जे भिक्खू पाडिहारियं पिप्पलगं जाइत्ता वत्थं छिंदिस्सामि त्ति पायं छिंदइ छिंदंतं वा साइज्जइ । २९. जे भिक्खू पाडिहारियं नहच्छेयणगं जाइत्ता नहं छिंदिस्सामि त्ति सल्लुद्धरणं करेइ, करेंतं वा साइज्जइ ।
३०. जे भिक्खू पाडिहारियं "कण्णसोहणगं जाइत्ता" कण्णमलं णीहरिस्सामि त्ति दंत-मलं वा, ह-मलं वाणीहरइ, णीहरंतं वा साइज्जइ ।
२७. जो भिक्षु लौटाने योग्य सूई की माँग करके " वस्त्र सीऊँगा" ऐसा कहकर उससे पात्र सीता है अथवा सीने वाले का समर्थन करता है।
२८. जो भिक्षु लौटाने योग्य कैंची की माँग करके "कपड़े काटूंगा" ऐसा कहकर उससे पात्र काटता है अथवा काटने वाले का समर्थन करता है।
२९. जो भिक्षु लौटाने योग्य नखछेदनक की माँग करके नख निकालने की जगह उससे कांटा निकालता है अथवा निकालने वाले का समर्थन करता है।
३०. जो भिक्षु लौटाने योग्य कर्णशोधनक की माँग करके "कान का मैल निकालूँगा” ऐसा कहकर उससे दाँत या नख का मैल निकालता है अथवा निकालने वाले का समर्थन करता है (उसे मासिक प्रायश्चित्त देने में आता है ।)
27. The ascetic who demands the returnable needle, saying “he will sew the cloth but sews the utensils with it or supports the ones who sews the utensils.
28. The ascetic who demands the returnable scissors saying "he will cut the clothes but cuts the utensils or supports the ones who cuts the utensils.
29. The ascetic who seeks the returnable nail cutter saying "he will cut the nails but removes the thorn or supports the ones who removes the thorn.
30. The ascetic who demands the returnable ear bud saying "he will remove the dirt of the ear but removes the dirt of the nail or tooth or supports the ones who does so one month duration (Gurumasik) expiation comes to him.
निशीथ सूत्र
.(12)
Nishith Sutra