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सूत्र 5 सरोम चर्म के लेने का निषेध।
-बृहत्कल्प उ. 36 सूत्र 8 पाँच स्थावर कायों की विराधना करने का निषेध। __ -दशवै. अ. 4, अ.63
-आचा. श्रु. 1, अ. 1, उ. 2-73 सूत्र 9 वृक्ष पर चढ़ने का निषेध।
-आचा. श्रु. 2, अ. 3 उ. 3 सूत्र 10 गृहस्थ के बर्तन में खाने का निषेध ।
-दशवै. अ. 3 तथा अ.6
-सूय. श्रु. 1, अ. 2, उ. 2, गा. 20 सूत्र 11 गृहस्थ का वस्त्र उपयोग में लेने का निषेध।
-सूय. श्रु. 1, अ. 9, गा. 20 सूत्र 12 गृहस्थ के खाट पलंग आदि पर बैठने का निषेध। -दशवै. अ. 3 तथा अ. 6
-सूय. श्रु. 1, अ. 9, गा. 21 सूत्र 13 गृहस्थ की चिकित्सा करने का निषेध। -दशवै. अ. 3 तथा अ. 8, गा. 50
- उत्तरा. अ. 15, गा. 8 सूत्र 14 पूर्वकर्मदोष युक्त आहार ग्रहण करने का निषेध। -आचा. श्रु. 2, अ. 1, उ. 6 तर सूत्र 16-31 दर्शनीय स्थलों में जाने का तथा मनोहर रूपों में आसक्ति करने का निषेध।
-आचा. श्रु. 2, अ. 12 सूत्र 32-33 प्रथम प्रहर में ग्रहण किये हुए आहार को चौथे प्रहर में खाने का निषेध तथा दो कोस उपरांत आहार ले जाने का निषेध।
- -बृहत्कल्प उ.4 सूत्र 44 बड़ी नदियों को पार करने का निषेध।
-दशा. द. 2, बृहत्कल्प उ.4 इस उद्देशक के 15 सूत्रों के विषयों का कथन अन्य आगमों में नहीं है, यथासूत्र 1-2 रस्सी आदि से पशुओं को बाँधना-खोलना नहीं।
गृहस्थ के वस्त्र से अच्छादित पीढ आदि पर बैठना नहीं। सूत्र 7
गृहस्थ से साध्वी की चद्दर सिलाना नहीं।
उदकभाजन से आहार लेने का निषेध। सूत्र 34-41
गोबर तथा विलेपन पदार्थ को रात्रि में ग्रहण करने आदि का निषेध आगमों में नहीं है किन्तु औषध-भेषज के संग्रह का निषेध।
-प्रश्न. श्रु. 2, अ.5, सू. 7 में है। सूत्र 42-43 विहार में गृहस्थ से भारवहन कराने का तथा उसे आहार देने का निषेध।
The description of the subject matter of these twenty nine sutras of this chapter in found in following Agamas, as :
Sutra 3 Frequently breaking the vows is called a “Sabal Dasha”. -Dash. 2. Sutra 4 Prohibition of consuming the living being mixed food.
-Acha. Shrut-2 chap. 1, Udd. 1. Sutra 5 Prohibition of accepting fur leather. -Udd. 3 of Brihatkalpa. Sutra 8 Prohibition of hurting the five types of immobile beings.
- Dasvakalika chapter 4, 6, Acha-shrut 2, chap-1, Utt. 2-7.
सूत्र 6
सूत्र 15
निशीथ सूत्र
(226)
Nishith Sutra