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Sutra 15
Sutra 16
Sutra 17
Sutra 18-21
Sutra 22
Sutra 23
Sutra 24-25 Sutra 26-35
सूत्र 20-21
To do "Swadhayaya at the time of physical "Aswadhayaya". Not to give "lessons" in sequence of the Agamas.
To deliver the "lecture" of Chheda-Sutra and Drishtivad without completing two "Vachana" of Acharanga sutra.
To deliver lesson to an "Apatra" and not to give to a "Patra, to deliver Vachana to an "Avyakt" and not to deliver to Vyakt.
उन्नीसवाँ उद्देशक
Partiality in delivering Vachana among the ascetic of equal ability. To take Vachana himself without being given by a preceptor and holy teacher.
इस उद्देशक के 12 सूत्रों के विषयों का कथन निम्नलिखित आगमों में है, यथासूत्र 6 ग्लान के लिए औषध की तीन दत्ति से अधिक लेने का निषेध ।
सूत्र 8
चार संध्या में स्वाध्याय नहीं करना ।
सूत्र 12
चार प्रतिपदा में स्वाध्याय नहीं करना।
सूत्र 13
चारों कालों में स्वाध्याय नहीं करना अतिचार कहा है।
सूत्र 14
अस्वाध्याय काल में स्वाध्याय करने का निषेध ।
सूत्र 15
अपनी शारीरिक अस्वाध्याय में स्वाध्याय करने का निषेध । आगमों के वाचना क्रम का विधान ।
सूत्र 16-17
सूत्र 18-19
अपात्र को वाचना देने का निषेध एवं पात्र को वाचना देने का विधान ।
To take from or to give Vachana to a householder and non-believer. To give or take Vachana to and from a weak conduct ascetic. Doing so a laghu-chaumasi expiation comes.
इस उद्देशक के 23 सूत्रों के विषय का कथन अन्य आगमों में नहीं है, यथासूत्र 1-5, 7 औषध सम्बन्धी उक्त समस्त वर्णन अन्यत्र नहीं है।
सूत्र 9-10
सूत्र 11
सूत्र 22
सूत्र 23
सूत्र 24-35
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अव्यक्त को वाचना देने का निषेध और व्यक्त को वाचना देने का विधान ।
- ठाणं अ. 3
- ठाणं अ. 4
- ठाणं. अ. 4
(335)
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- आव. अ. 4
- व्यव. उ. 7
- व्यव. उ. 7
- व्यव. उ. 10
- बृहत्कल्प उ. 4
- व्यव. उ. 10
कालिक श्रुत की 9 गाथाओं एवं दृष्टिवाद की 21 गाथाओं को उच्चारण करने का विधान । चार महामहोत्सवों में स्वाध्याय करने का निषेध ।
वाचना देने में पक्षपात नहीं करना ।
अदत्त वाचना ग्रहण नहीं करना ।
मिथ्यात्व भावित गृहस्थों को एवं पार्श्वस्थादि को वाचना नहीं देना और उनसे वाचना नहीं लेना।
Nineteenth Lesson