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128. जो भिक्षु अपारिहारिक है, वह पारिहारिक से यह कहे " हे आर्य ! आओ तुम और मैं एक साथ
जाकर अशन, पान, खाद्य या स्वाद्य ग्रहण करके उसके बाद दोनों अलग-अलग खायेंगे -पीयेंगे ।" इस प्रकार जो पारिहारिक से कहता है अथवा कहने वाले का अनुमोदन करता है। उसे लघुमासिक प्रायश्चित्त आता है।
128. The ascetic who is "Apariharika" says to the "Parharika". Hey Muni! After having collected food, water, sweet and tasty items etc., will consumeit, separately. One who says the "Paraharika" so, or supports the ones who says so, a laghu-masik expiation come to him.
विवेचन - उद्देशक 2 के सूत्र 40 में पारिहारिक और अपारिहारिक शब्द का प्रयोग हुआ है। वहाँ इनका अर्थ क्रमशः दोष न लगाने वाला और दोष लगाने वाला है 1
Comments—In aphorism 40 of second chapter the words “Paraharika” and 'Apraharika' have been used. The meaning of these two words are non-fault afflicting and fault afflictingrespectively.
सूत्र - 1
सूत्र - 2
सूत्र - 3
सूत्र - 4
सूत्र - 5
सूत्र - 6-10
सूत्र -11-15
सूत्र - 16
सूत्र - 17
सूत्र - 18
सूत्र - 19
सूत्र - 20
सूत्र - 21-25
सूत्र - 26-30
सूत्र - 31
सूत्र - 32
सूत्र - 33
निशीथ सूत्र
चतुर्थ उद्देशक का सारांश
THE SUMMARY OF FOURTH CHAPTER
राजा को वश में करना ।
राजा के रक्षक को वश में करना ।
नगररक्षक को वश में करना ।
निगमरक्षक को वश में करना ।
सर्वरक्षक को वश में करना ।
राजा आदि के गुणग्राम करना ।
राजा आदि को अपनी ओर आकर्षित करना ।
ग्रामरक्षक को आकर्षित करना ।
देशरक्षक को आकर्षित करना ।
सीमारक्षक को आकर्षित करना । राज्यरक्षक को आकर्षित करना ।
सर्वरक्षक को आकर्षित करना ।
ग्रामरक्षक आदि के गुणग्राम करना ।
ग्रामरक्षक आदि को अपनी ओर आकर्षित करना ।
सचित्त धान्य का आहार करना ।
आचार्यादि की आज्ञा के बिना दुग्धादि विकृतियाँ लेना । स्थापनाकुलों को जाने बिना भिक्षाचर्या के लिए जाना ।
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Nishith Sutra