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छठा उद्देशक THE SIXTH CHAPTER
प्राथमिकी INTRODUCTION
प्रस्तुत उद्देशक में ब्रह्मचर्य की सुरक्षा के लिए साधक को कामेच्छा जागृत करने वाली प्रवृत्तियों जैसे स्त्री का अनुनय-विनय, हस्तकर्म, अंगादान संचालन व कलह, चित्र-विचित्र वस्त्र रखने व धारण करने, पौष्टिक आहार करने आदि का निषेध किया गया है। जो साधक इन प्रवृत्तियों को करता है, उसे गुरु चौमासी प्रयश्चित्त आता है।
In sixth chapter for protection of the celibacy of a practiser, prohibition of copulation awakening activities such as beseeching before woman masturbation, movement of pains, pultinyan multi colored clothes and consuming fatty & tasty food etc. has been stated. The ascetic whoever performs such types of activities, a Guruchaumasi expiation comes to him.
अब्रह्म के संकल्प से किए जाने वाले कृत्यों के प्रायश्चित्त
THE ATONEMENT OF CONTEMPLATION AFFECTING CELEBACY
1. जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणं वडियाए विण्णवेइ, विण्णवेंतं वा साइज्जइ ।
2- 10. जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए हत्थकम्मं करेड़, करेंतं वा साइज्जइ । एवं पढमुद्देशगमेण जव जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं अण्णयरंसि अचित्तंसि सोयंसि अणुपवेसित्ता सुक्कपोग्गले णिग्घायइ, णिग्घायंतं वा साइज्जइ ।
11. जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अवाउडिं सयं कुज्जा, सयं बूया, करेंतं वा, बूएंतं वा साइज्जइ ।
12. जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए कलहं कुज्जा, कलहं बूया, कलहवडियाए बाहिं गच्छइ, गच्छंतं वा साइज्जइ ।
13. जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए लेहं लिहइ, लेहं लिहावेइ, लेहवड़ियाए बाहिं गच्छइ, गच्छंतं वा साइज्जइ ।
14. जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए पोसंतं वा पिट्ठतं वा भल्लायण उप्पाएइ, उप्पाएंतं वा साइज्जइ ।
15. जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए पोसंतं वा पिट्ठतं वा सीओदग - वियडेण वा उसिणोदग-वियडेण वा, उच्छोलेज्ज वा,
.
'
पधोवेंतं वा साइज्जइ ।
छठा उद्देशक
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भल्लायएण उप्पारत्ता । , उच्छोलेंतं वा
पधोवेज्ज वा,
Sixth Lesson