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अधिक खानेवाले आदमी
१. बालोतरा (मारवाड़) में एक मग घी को तेरह आदमी खा
जाते थे एवं वे मण के तेरिये कहलाते थे। नये हाकिम ने उनको देखना चाहा। लोगों ने कहा-हजुर घटती का जमाना है । अतः अब तो नी ही रह गये अर्थात नौ आदमी
ही मन घी खा जाते हैं। २. बीकानेर में एक सेठानी ने खीर-पूड़े का श्राद्ध किया. सूंसा,
सेजा एवं उनकी बहन लाज तीनों भाई बहन सबा मन दुध की खीर खा गये । कलकत में एक राजस्थानी ब्राह्मण में खाना खाकर ठाकुर से दो पापड़ मांगे । ठाकुर ने कहा-फुलके चाहे जितने ले लो, पारड़ दो नहीं मिल सकत । विवाद बढ़ा ब्राह्मण ने ५६ फुलके खाए। ठाकुर ने माफी मांगी एवं
दूसरा पापड़ देकर पल्ला छुड़ाया। ४. हरियाणा के एक खिलाड़ी ने परम्पर विवाद करके ६०
रोटियाँ मनाई । विस्मित लोगों के पूछने पर कहा-ये कोई रोटियां थोड़ी ही हैं, ये नो बुरकिया हैं।
___- हिन्दुस्ताग. ३० मार्च, १९७१