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वक्तृत्वकला के बीज (ख) कनाडा में सारे लाय: या ए ऐ हाकी या जो पैरों में जूते पहने बिना बाहर नहीं निकालता था।
--सरिता, सितम्बर, द्वितीय, १९७१ (ग) संसार का विशालकाय हाथी
कन्धे के पास से ऊंचाई १२ फुट नौ इंच थी. चमड़ी खान) का व नन दो टन था । इस विशालकाय हाथी को अफ्रीका के जंगलों में हंगरी के एक शिकारी ने सन् १६५५ में मारा था। हाथा का अस्थिपंजर 'स्मिथ सानिएल इन्स्टीट्यूट की नेचरल हिस्ट्री कालेज' में रखा गया है।
----कादंबिनी, दिसम्बर १६६४ (घ) प्रतापगढ़ (उ० प्र०) जिले का एक पालतू हाथी एक बार
कोधित होकर अपने चालक (पीलवान} को पैरों तले दाब कर मूड से नीर डाला | दुखित पत्नी विकल होकर अपने इकलौते पुत्र को क द्ध हाथी के आगे फेंक दिया । मदोन्मत हाथी ने उस बच्चे को सूड से उठाकर पर पर बैठा लिया। कहते है कि तबसे वही बच्चा उस हाथी का चालक पीलवान) बन गया। उसकी अनुपस्थिति में हाथी पागलों की भांति हाथ-पैर पटकता, चिग्घाइता । वह यावज्जीवन उस लड़के के इशारे पर चलता रहा । इसी जिले में एक बारात में गये हुये हाथी के चालक से बरातियों द्वारा लेन-देन के मामले में विवाद हो उठने से हाथी मदोन्मत होकर सारे बरातियों पर टूट पड़ा। कुछ