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६. नित्यं हिरण्यव्ययेन मेरुरपि क्षीयते ।
करने
हमेशा ७. अस्सी री आंबद चौरासी रो खर्च |
• साहजी सूरा लेखा पूरा ।
• घर तंग-बहू जबरजंग |
● आभो टोपसी-सो दीखे है ।
का मेरा भी क्षीण हो जाता है ।
कला के मीक
नीतिवाक्यात ८५
- राजस्थानी कहावतें
८. सन् १९६६-६९ के बजट के अनुसार भारत सरकार की कुल आमदनी ४२६६ करोड ५६ लाख यो तथा खर्च ४५६६ करोड़, ५६ लाख हुआ ।
हिन्दुस्तान, २ मार्च १९६८
सुरक्षा बजट में अध्ययन के
के
वर्ष
अक्तूबर
में
६. संसार का वार्षिक रक्षाव्यय १५ हजार खरब रु०संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्थास्त्र की होड़ तथा निरन्तर वृद्धि के सामाजिक और अधिक परिणामों लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की थी। उसने गत महासचिव को एक रिपोर्ट दी। उसके अनुसार १६६१ से बीच के दस वर्षो में संसार का रक्षा व्यय ५०० खरब अलर (३७५० खरब रुपये) से बढ़ कर २००० सुरब डालर (१५००० खरब रुपये } वार्षिक हो गया है।
- हिन्दुस्तान १ अगस्त १६७२
१६७२ के