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मनुष्य के लिए शिक्षाएं १. मनुष्य आकृति में जन है, उसे सज्जन या महाजन बनने
की कोशिश करनी चाहिए, किन्तु दुर्जन बनने की कभी नहीं। उमे कार चढ़ते रहना चाहिए, वरना नीचे गिर
जाएगा। २. हर एक आदमी भक्षक है, उसे उसादक होना चाहिए।
-एमर्सन ३. तीन कारणों मे मनुष्य दूसरे के पास जाता है- सहायता
देने, सहायता लेने और कुछ सीखने । यदि सहायता देने गया हो तो ऐसा न हो कि उसका बोभा बड़ जाए। यदि सहायता लेने गया हो तो बाप बनकर नहीं ले सकता । यदि कुछ सीखने गया हो तो सुने-विचारे, लकिन ऐसा न
हो कि उल्टा सिम्बाने लगे। ४. विद्वॉरनेत पठनोधतान् सरलया रीत्या मुदा पाठय , शिल्पी चेदुचिताश्च शिक्षय कला निष्कामबृत्त्याखिलाः । बता चेदसि दर्शय प्रवचनैः सन्नीनिमार्ग सदा , वैद्यश्चेत् कुरु रोगनाशनकृते नंषां व्यवस्था शुभाम् । रे मनुष्य ! यदि तू विद्वान् है तो पढ़ने के इच्छुक व्यक्तियों को सरल
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