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गतानुगतिक-संसार १. गतानुगतिको लोको, न लोकः पारमार्थिकः ।
-पंचतंत्र १।२६६ संसार गतानुगतिक-दुसरों की नकल करनेवाला है, किंतु
वास्तविकता को नहीं देस्त्रता । २. कोड़ी नु कटक-एक कोड़ी चाले एटले बधी चाले ।
-गुजराती कहावत ३. गहरीप्रवाह संसार।
-हिन्दी कहावत ४. खरबूज ने देख र स्वरबूजो रंग बदले। -राजस्थानी कहावत ५. दुनियां मथुरा के बंदरों के समान नकल करनवाली है।
इंगलैण्ड के राजा के गलगंड (कंठमाल) का रोग हुआ। डाक्टर ने सुन्दर पट्टा लगाया । देखा-देखी लोग भी पट्टा
लगाने लगे एवं 'नेकटाई' चल पड़ी। ७. बद् यदाचरति श्रष्ट-स्तत्तद वेतरोजनः ।
स यत प्रमाणं कुरुते, लोकरतदनुवर्तते ।। गोता ३।११ श्रेष्ठ व्यक्ति जो-जो आचरण करता है, साधारण लोग भी उसी सरह करते है 1 श्रेष्ठ व्यक्ति जो प्रात सत्य मानता है, लोग भी
उसके पीछे चलते हैं। ८. श्रेष्ठ पुरुषों को चाहिए कि वे कोई भी ऐसा काम न करें,
जिसका अनुकरण करके लोगों को कष्ट का सामना करना पड़े।
-पनमुनि