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अर्थ कबूतर, मुर्गा और बिल्ली ही हैं इसके लिये हम जगत्प्रसिद्ध संस्कृत शब्दोंके भंडार अमरकोश का प्रमाण उपस्थित करते हैं । ___अमरकोशके दूसरे काण्ड सिंहादि वर्गके १४ वें श्लोक में लिखा है कि: “पारावतः कलरवः कपोतोऽथ शशादनः ॥ १४ ॥
अर्थात् --- पारावत, कलरव और कपोत ये तीन नाम कबूतरके
- इससे सिद्ध हो गया कि रेवतीने महावीर स्वामीके लिये दो कबूतर ही पकाये थे ।
कुक्कुट शब्दका अर्थ अमरकोशके इसी द्वितीय कांडके सिंहादि. वर्गके १७ वें श्लोक में यों लिखा है - - कृकवाकुस्ताम्रचूडः कुक्कुटश्चरणायुधः । १७॥
यानी-कृकवाकु, ताम्रचूड, कुक्कुट, चरणायुद्ध ये चार नाम मुर्गाके हैं।
इससे यह प्रमाणित हुआ कि रेवतीके घर उसकी बिल्ली के लिये मुर्गेका मांस बना रक्खाथा जिसको सिंह मुनिने महावीर स्वामीके लिये मागा और रेवतीने उसको उसे दे दिया। ___मार्जार शब्दका अर्थ अमरकोशके उक्त दूसरे कांडके सिंहादिवर्गमें यह लिखा है - .. ओतुर्विडालो मार्जारो वृषदंशक आखुभुक् ॥ ६॥ ___अर्थात्-ओतु, विडाल, मार्जार, वृषदंशक, आखुभुक् ये ५ नाम बिल्ली के हैं। ...इससे यह साबित हुआ कि भगवती सूत्रमें आये हुए 'मार्जार' शब्दका अर्थ · बिल्ली ' ही है। . - इस प्रकार भगवती सूत्रमें जो महावीरस्वामीको मांसभक्षण करके रोग शान्त करने वाला लिखा है इसके विषयमें क्या लिखा जाय ? जो मांस गृहस्थ श्रावकके लिये अभक्ष्य है उसको तीर्थप्रवर्तक श्री महावीर स्वामी मगवाकर खावें इससे बढकर हीन बात और क्या हो सकती
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