Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
( ४९ )
अपवित्र
२. सर्वसाधारण नियम के विरुद्ध बात या घटना । ३. विरुद्ध बात । ४. निंदा | बदनामी । ५. खंडन । ६. अस्वीकार । ७. दोष ।
अपवित्र - (वि०) १ श्रशुद्ध । मलिन । २. पाप युक्त । अधार्मिक । २. न छूने योग्य |
अपशकुन - ( न० ) अशुभ शकुन । अपसुकन । अपशब्द - ( न० ) १. गाली । २. दुर्वचन । ३. अशुद्ध शब्द ।
अपसर - ( ना० ) अप्सरा ।
अपसरा - ( ना० ) अप्सरा ।
अपसवरण - ( न० ) अपशकुन | बुरा सगुन । श्रपसुगन ।
पसु - ( न० ) पशु । गदहा ।
१.
अपसुकन- दे० पसुगन । अपसुगन - ( न० ) अपशकुन । अपसौरण - दे० पसवरण | अपहड़ - ( वि०) उदार । दातार । २. अपने ही साहस और सामर्थ्य पर दान, मान, सहायता और युद्धादि श्रेष्ठ कार्यों का करने वाला । ३. अत्यधिक । खूब ।
अपहरण - ( न० ) जबरदस्ती छीनने या उठा ले जाने की क्रिया ।
अपंग (वि०) १. अंगहीन । २. लूला । लंगड़ा । ३. असमर्थ |
पंथ - (०) १. कुपंथ । कुमार्ग । २. पंथ रहित ।
अपंपर - दे० श्रपरंपर ।
अपारण - ( न० ) १. बल । शक्ति । २. बिना हाथों वाला । ३. अशक्त ।
अपारणा - ( सर्व० ब० व० ) अपने । अपारणी - ( सर्व० ) अपनी | अपारणो - ( सर्व०) आत्मीय | अपना । अपात्र - (वि०) १. गुणहीन । २. अयोग्य । ( न०) कुपात्र ।
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अपूज
अपादान - (०) १. किसी से अलगाव या पृथक्करण । २. एक कारक । ३. पाँचवीं विभक्ति का अर्थ |
अपादान कारक - ( न० ) जिससे विश्लेष या अलगाव होता है, उस संज्ञा शब्द का वाक्य में रूप अथवा कारक ( व्या० ) । व्याकरण में पाँचवाँ कारक । अपान - ( न० ) पाँच प्राणों (प्राण, अपान,
व्यान, उदान और समान) में से एक जो गुदा द्वारा निकलता है । पाद । गोज । अपान वायु - ( न० ) गुदा मार्ग से निकलने
वाली हवा | अधोवायु । पाद । गोज । अपार - (वि०) १. जिसका पार न हो । अनंत । २. अत्यधिक ।
अपाररण- दे० अपार । अपाल - ( वि०) १. बहुत । अपल । २. नहीं
रुकने वाला । ३. नहीं रोकने वाला । अपाळ - (वि०) जिसका कोई पालन करने वाला न हो ।
अपाळो - ( वि०) जो पैदल नहीं चल रहा हो । जो सवारी किया हुआ हो । अपावन - ( वि० ) अपवित्र ।
पीत - ( वि०) १. जिसमें सिंचाई न की जाती हो (खेत) २. सिंचाई के प्रयोग्य । ३. जो पीले रंग का न हो । अपीधो- (वि०) १. बिना पिया हुआ ।
२. प्यासा । ३. बिना नशा किया हुआ । अपील - ( ना० ) १. नीचे की कोर्ट के फैसले
के विरुद्ध ऊपर की कोर्ट में की जाने वाली प्रार्थना | पुनर्विचारार्थ प्रार्थना । २. अनुरोध । ३. निवेदन । अपुत्र - ( वि० ) १. पुत्र रहित । संतान रहित ।
पूज - ( वि०) १. अप्रतिष्ठित । २. प्रपूजित । ३. जिसकी पूजा-अर्चना नहीं होती हो ( देवमूर्ति) । ४. जिसकी पूजा या सम्हाल की कोई व्यवस्था न हो । ५. नहीं पूजा जाने वाला ।
For Private and Personal Use Only