Book Title: Pragnapana Sutra Part 03
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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प्रज्ञापना सूत्र
१. जम्बू द्वीप २. लवण समुद्र ३. धातकी खण्ड द्वीप ४. पुष्कर द्वीप ५. वरुण द्वीप ६. क्षीरवर ७. घृतवर ८. क्षोद (इक्षु) ९. नन्दीश्वर १० अरुणवर ११. कुण्डलवर १२. रुचक १३. आभरण १४. वस्त्र १५. गन्ध १६. उत्पल १७. तिलक १८. पृथ्वी १९. निधि २०. रत्न २१. वर्षधर २२. द्रह २३. नदियाँ २४. विजय २५. वक्षस्कार २६. कल्प २७. इन्द्र २८. कुरु २९. मन्दर ३०. आवास ३१. कूट ३२. नक्षत्र ३३. चन्द्र ३४. सूर्य ३५. देव ३६. नाग ३७. यक्ष ३८. भूत और ३९. स्वयम्भू रमण समुद्र। ...
इस प्रकार जैसे बाह्य पुष्करार्द्ध के स्पृष्ट और अस्पृष्ट के विषय में कहा गया है उसी प्रकार वरुण द्वीप से लेकर स्वयम्भूरमण समुद्र तक के विषय में 'अद्धा समय से स्पृष्ट नहीं होता,' तक कहना चाहिए।
विवेचन - जम्बूद्वीप सभी द्वीप और समुद्रों के अन्दर (बीच में) रहा हुआ है। यह सभी द्वीप और समुद्रों से सब से छोटा द्वीप है। यह एक लाख योजन का लम्बा चौड़ा है। यह वृत्ताकार (थाली के आकार) अर्थात् गोल आकार वाला है। इसके चारों और लवण समुद्र है जो दो लाख योजन का है। यह वलयाकार (चूड़ी के आकार) है इसके आगे धातकी खंड द्वीप है जो चार लाख योजन विस्तार वाला है। इसके आगे कालोदधि समुद्र आठ लाख योजन विस्तार वाला है। इसी तरह पहले-पहले के द्वीप समुद्र को घेरे हुए और पूर्ववर्ती द्वीप समुद्र से दुगुने-दुगने विस्तार वाले असंख्यात द्वीप समुद्र हैं। अंत में स्वयंभूरमण समुद्र है। जम्बूद्वीप के अलावा सब चूड़ी के आकार में है। द्वीप समुद्रों के नाम टीका में इस प्रकार बतलाये गये हैं - १. जम्बूद्वीप २. लवण समुद्र ३. धातकी खंड ४. कालोदधि समुद्र . ५. पुष्करवर द्वीप ६. पुष्करवर समुद्र ७. वरुणवर द्वीप ८. वरुणवर समुद्र ९. क्षीरवर द्वीप १०. क्षीरवर समुद्र ११. घृतवर द्वीप १२. घतवर समुद्र १३. इक्षुवर द्वीप १४. इक्षुवर समुद्र १५. नंदीश्वर द्वीप १६. नंदीश्वर समुद्र १७. अरुण द्वीप १८. अरुण समुद्र १९. अरुणवर द्वीप २०. अरुणवर समुद्र २१. अरुणवराभास द्वीप २२. अरुणवराभास समुद्र २३. कुण्डल द्वीप २४. कुण्डल समुद्र २५. कुण्डलवर द्वीप २६. कुण्डलवर समुद्र २७.कुण्डलवराभास द्वीप २८. कुण्डलवराभास समुद्र २९. रुचक द्वीप, ३० रुचक समुद्र ३१. रुचकवर द्वीप ३२. रुचकवर समुद्र ३३. रुचकवराभास द्वीप ३४. रुचकवराभासः समुद्र ३५. हार द्वीप ३६. हार समुद्र ३७. हारवर द्वीप ३८. हारवर समुद्र ३९. हारवराभास द्वीप ४०. हारवराभास समुद्र। इस प्रकार अर्धहार, रत्नावली, कनकावली प्रमुख आभूषणों के नाम, चीनांशुक आदि वस्त्रों के नाम, कोष्ठपुट आदि गन्धों के नाम, उत्पल (कमल) के नाम, तिलक आदि वृक्षों के नाम, शतपत्र, सहस्त्र पत्र आदि पद्म कमल के नाम, पृथ्वियों के नाम, नव निधि के नाम, चक्रवर्ती के चौदह रत्नों के नाम, चुल्ल हिमवान आदि वर्षधर पर्वतों के नाम, पद्म आदि द्रहों के नाम, गंगा सिन्धु आदि नदियों के नाम, कच्छ आदि विजयों के नाम, माल्यवान आदि वक्षस्कार पर्वतों के नाम, सौधर्म आदि कल्पों के
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