Book Title: Pragnapana Sutra Part 03
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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प्रज्ञापना सूत्र
कठिन शब्दार्थ - ससरुहिरे - खरगोश का रुधिर (खून), इंदगोवे - इन्द्र गोप-वर्षा ऋतु के प्रारम्भ समय में उत्पन्न होने वाला लाल रंग का अमुक प्रकार का कीड़ा, बालेंदगोवे - बालेन्द्रगोप-तत्काल जन्मा हुआ इन्द्रगोप, इट्टतरिया - इष्टतर-अधिक इष्ट, मणामतरिया - मनामतर। .
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! तेजो लेश्या वर्ण से कैसी होती है?
उत्तर - हे गौतम! जैसे कोई खरगोश का रुधिर (रक्त) हो, मेष (मेंढे) का रुधिर हो, सूअर का रुधिर (रक्त) हो, सांभर (हिरण की जाति विशेष) का रुधिर हो, मनुष्य का रुधिर हो, या इन्द्रगोप नामक कीड़ा हो, अथवा बाल-इन्द्रगोप हो, या बाल-सूर्य (उगते समय का सूरज) हो, सन्ध्याकालीन लालिमा हो, गुंजा (चिरमी) के आधे भाग की लालिमा हो, उत्तम (जातिमान्) हींगलू हो, प्रवाल (मूंगे) का अंकुर हो, लाक्षारस हो, लोहिताक्षमणि हो, किरमिची रंग का कम्बल हो, हाथी का तालु (तलुआ) हो, चीन नामक लाल द्रव्य-के आटे की राशि हो, पारिजात का फूल हो, जपापुष्प हो, किंशुक (टेसु ढाक-पलाश) के फूलों की राशि हो, लाल कमल हो, लाल अशोक हो, लाल कनेर हो, . अथवा लाल बन्धुजीवक हो, ऐसे रक्त वर्ण की तेजो लेश्या होती है।
प्रश्न - हे भगवन्! क्या तेजो लेश्या इसी रूप की होती है?
उत्तर - हे गौतम! यह अर्थ समर्थ नहीं है। तेजो लेश्या इन से भी इष्टतर, अधिक कान्त, अधिक प्रिय, अधिक मनोज्ञ और अधिक मनाम वर्ण वाली होती है।
पम्हलेस्सा णं भंते! केरिसिया वण्णेणं पण्णत्ता? . ..
गोयमा! से जहाणामए चंपे इ वा चंपयछल्ली इ वा चंपयभेए इ वा हालिहा इ वा हालिहगुलिया इ वा हालिद्दभेए इ वा हरियाले इ वा हरियालगुलिया इ वा हरियालभेए . इ वा चिउरे इ वा चिउररागे इ वा सुवण्णसिप्पी इ वा वरकणगणिहसे इ वा वरपुरिसवसणे इ वा अल्लइकुसुमे इ वा चंपयकुसुमे इ वा कण्णियारकुसुमे इ वा कुहंडयकुसुमे इ वा सुवण्णजूहिया इ वा सुहिरणिया कुसुमे इ वा कोरिटमल्लदामे इ वा पीयासोगे इ वा पीयकणवीरए इ वा पीयबंधुजीवए इ वा।
भवेयारूवे?
गोयमा! णो इणढे समढे। पम्हलेस्सा णं एत्तो इट्टतरिया चेव जाव मणामतस्यिा चेव वण्णेणं पण्णत्ता॥५१२॥
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन्! पद्म लेश्या वर्ण से कैसी होती है? उत्तर - हे गौतम! जैसे कोई चम्पा वृक्ष हो, चम्पक वृक्ष की छाल हो, चम्पक का टुकड़ा हो,
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