Book Title: Pragnapana Sutra Part 03
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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जे भंते! केवलं बोहिं बुज्झेज्जा, से णं सद्दहेज्जा पत्तिएज्जा रोएज्जा ?
गोयमा! सद्दहेज्जा, पत्तिएज्जा, रोएज्जा ।
कठिन शब्दार्थ - केवलं - केवल (विशुद्ध), बोहिं - बोधि ( धर्मप्राप्ति - धर्मदेशना ) को, सद्दहेज्जा - श्रद्धा करता है, पत्तिएज्जा प्रतीति करता है, रोएज्जा - रुचि करता है।
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन्! जो केवलबोधि को समझ पाता है, क्या वह उस पर श्रद्धा
प्रज्ञापना सूत्र
है, प्रतीति करता है तथा रुचि करता है ?
उत्तर - हाँ गौतम ! वह श्रद्धा करता है, प्रतीति करता है तथा रुचि करता है।
उप्पाडेज्जा ?
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विवेचन - " बोहिं बुज्झेज्जा" - जिन प्रणित तत्त्वों का बोध होना बोधि लाभ कहलाता है। उस बोध पर श्रद्धा, प्रतीति होना रुचि होना समकित कहा जाता है। क्योंकि यहाँ पर पहले बोधि लाभ होना तथा बाद में श्रद्धा, प्रतीति, रुचि होना बतलाया गया है। वास्तविक बोध हो जाने पर उस पर श्रद्धा आदि होती ही है। इसीलिए बोधिलाभ के होते ही श्रद्धा आदि का होना बताया गया है।
भंते! सज्जा पत्तिएज्जा रोएज्जा से णं आभिणिबोहिय णाण सुय णाणाई
हंता गोयमा ! उप्पाडेज्जा ।
कठिन शब्दार्थ - उप्पाडेज्जा - उपार्जित ( प्राप्त) कर लेता है ।
भावार्थ - प्रश्न हे भगवन्! जो उस पर श्रद्धा, प्रतीति और रुचि करता है क्या वह आभिनिबोधिक ज्ञान और श्रुतज्ञान प्राप्त कर लेता है ?
उत्तर - हाँ गौतम ! वह इन ज्ञानों को प्राप्त कर सकता है।
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जे भंते! आभिणिबोहिय णाण सुय णाणाइं उप्पाडेज्जा से णं संचाएज्जा सीलं वा वयं वा गुणं वा वेरमणं वा पच्चक्खाण वा पोसहोववासं वा पडिवज्जित्तए ?
गोयमा! अत्थेगइए संचाएज्जा, अत्थेगइए णो संचाएज्जा ।
कठिन शब्दार्थ - सीलं - शील (ब्रह्मचर्य) वयं - व्रत, गुणं - गुण ( भावना आदि) अथवा उत्तर गुण, वेरमणं - विरति - अतीत स्थूल प्राणातिपात आदि से विरति, पच्चक्खाणं- प्रत्याख्यान-भविष्यकाल के लिए स्थूल प्राणातिपात आदि का त्याग, पोसहोववासं - पौषधोपवास- अष्टमी आदि पर्वों में उपवास सहित पौषध, पडिवज्जित्तए - अंगीकार कर सकता है।
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन्! जो अनन्तरागत तिर्यंच पंचेन्द्रिय आभिनिबोधिकज्ञान एवं श्रुतज्ञान को प्राप्त कर लेता है, क्या वह शील, व्रत, गुण, विरमण, प्रत्याख्यान अथवा पौषधोपवास अंगीकार करने में समर्थ होता है ?
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