Book Title: Pragnapana Sutra Part 03
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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प्रज्ञापना सूत्र
मीससरीर कायप्पओगिणो य कम्मा सरीर कायप्पओगी य ३, अहवेगे य ओरालिय मीससरीर कायप्पओगिणो य कम्मा सरीर कायप्पओगिणो य ४ एए चत्तारि भंगा, अहवेगे य आहारग सरीर कायप्पओगी य आहारग मीससरीर कायप्पओगी य १, अहवेगे य आहारग सरीर कायप्पओगी य आहारग मीससरीर कायप्पओगिणो य २, अहवेगे य आहारंग सरीर कायप्पओगिणो य आहारग मीससरीर कायप्पओगी य ३, अहवेगे य आहारग सरीर कायप्पओगिणो य आहारग मीससरीर कायप्पओगिणो य ४ चत्तारि भंगा, अहवेगे य आहारग सरीर कायप्पओगी य कम्मग सरीर कायप्पओगी य १, अहवेगे य आहारग सरीर कायप्पओगी य कम्मा सरीर कायप्पओगिणो य २, अहवेगे य आहारग सरीर कायप्पओगिणो य कम्मा सरीर कायप्पओगी य ३, अहवेगे य आहारग सरीर कायप्पओगिणो य कम्मा सरीर कायप्पओगिणो य ४ चउरो भंगा, अहवेगे य आहारग मीससरीर कायप्पओगी य कम्मग सरीर कायप्पओगी य १, अहवेगे य आहारग मीससरीर कायप्पओगी य कम्मा सरीर कायप्पओगिणो य २, अहवेगे य आहारग मीससरीर कायप्पओगिणो य कम्मा सरीर कायप्पओगी य ३, अहवेगे य आहारग मीससरीर कायप्पओगिणो य कम्मग सरीर कायप्पओगिणो य ४ चउरो भंगा, एवं चउव्वीसं भंगा।
भावार्थ - १. अथवा कोई एक मनुष्य औदारिक मिश्र शरीर काय प्रयोगी और एक आहारक शरीर काय - प्रयोगी होता है, २. अथवा एक औदारिक मिश्र शरीर काय प्रयोगी और अनेक आहारक मिश्र शरीर काय - प्रयोगी होते हैं ३. अथवा अनेक औदारिक मिश्र शरीर काय - प्रयोगी और एक आहारक शरीर काय प्रयोगी होता है, ४. अथवा अनेक औदारिक मिश्र शरीर काय प्रयोगी और अनेक आहारक शरीर काय प्रयोगी होते हैं। इस प्रकार ये चार भंग होते हैं।
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१. अथवा एक औदारिक मिश्र शरीर काय- प्रयोगी और एक आहारक मिश्र शरीर काय प्रयोगी, २. अथवा एक औदारिक मिश्र शरीर काय-प्रयोगी और अनेक आहारक मिश्र शरीर काय - प्रयोगी हैं, ३. अथवा अनेक औदारिक मिश्र शरीर काय प्रयोगी और एक आहारक मिश्र शरीर काय - प्रयोगी होता है, ४. अथवा अनेक औदारिक मिश्र शरीर काय - प्रयोगी और अनेक आहारक मिश्र शरीर काय प्रयोगी होते हैं। ये द्विकसंयोगी चार भंग होते हैं ।
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१. अथवा कोई एक मनुष्य औदारिक मिश्र शरीर काय प्रयोगी और एक कार्मण शरीरक प्रयोगी होता है २. अथवा एक औदारिक मिश्र शरीर काय - प्रयोगी और अनेक कार्मण शरीर काय
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